आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड में लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को यह बड़ा फैसला किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दी गयी छूट फिलहाल राज्य में लागू नहीं होगी। तमाम रियायतों के बावजूद राज्य में लॉकडाउन पूर्ववत लागू रहेगा। कहीं भी कोई छूट नहीं मिलेगी। झारखंड के बाहर फंसे प्रवासियों के हजारों की तादाद में झारखंड लौटने को लेकर अतिरिक्त सतर्कता की दरकार बताते हुए सीएम ने कहा कि लॉकडाउन-3 में भी किसी भी जिले में कोई छूट नहीं दी जायेगी। भले ही कोई जिला ग्रीन, ऑरेंज या फिर रेड जोन में हो।

सीएम ने अपने संदेश में कहा, हमारे श्रमिक भाई-बहन, छात्र-छात्राएं एवं अन्य लोग विभिन्न राज्यों से अपने घर आ रहे हैं। इसलिए एहतियात के तौर पर झारखंड राज्य में अगले दो हफ्तों तक लॉकडाउन लागू रहेगा। केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन में छूट को लेकर दिये गये नये निर्देश फिलहाल झारखंड में लागू नहीं होंगे। राज्यवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।

सीएम के इन एलान के बाद साफ हो गया है कि झारखंड में स्थिति अभी पूर्ववत ही रहेगी। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चार मई से बहुत सी रियायतों की घोषणा की है। ऑरेंज और ग्रीन जोन में तीन चौथार्ई गतिविधियां सोमवार से शुरू हो जायेंगी, जबकि रेड जोन में कई गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी।
झारखंड में केवल राजधानी रांची ही रेड जोन में है, जबकि नौ जिले ऑरेंज जोन में हैं। इनमें बोकारो, गढ़वा, धनबाद, देवघर, हजारीबाग, सिमडेगा, गिरिडीह, कोडरमा, जामताड़ा और चतरा शामिल हैं। दुमका, जमशेदपुर, गोड्डा, गुमला, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, पलामू, साहिबगंज, सरायकेला खरसावां, चाईबासा, खूंटी और रामगढ़ ग्रीन जोन में हैं।

वीर जवान के समुचित इलाज में आवश्यक मदद करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पीएमसीएच में इलाजरत झारखंड पुलिस के जवान रजनीश कुमार चौबे के समुचित इलाज हेतु आवश्यक मदद करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी कि साहिबगंज मंडल कारा में पदस्थापित सिपाही रजनीश कुमार चौबे को अपराधियों ने खदेड़ कर तीन गोली मार दी थी। इसके बाद उन्हें पटना स्थित पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि इलाज में किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल पा रही है।

सीएम ने कश्मीर में शहीद जवानों को किया नमन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद जवानों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम नागरिकों की रक्षा करते हुए सेना और पुलिस के हमारे पांच वीर जवान शहीद हो गये। परमेश्वर शहीद वीर जवानों की आत्मा को शांति प्रदान कर उनके परिवार वालों को दुख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
मुख्य सचिव ने झारखंडवासियों की वापसी की प्रक्रिया जारी की
इस बीच मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने देश के दूसरे हिस्सों में फंसे झारखंड के लोगों की घर वापसी को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए रविवार को एक गाइडलाइन जारी की। इसमें प्रशासन द्वारा

अपनायी जानेवाली प्रक्रिया का विस्तार से विवरण दिया गया है। वापसी की प्रक्रिया इस तरह पूरी की जायेगी-

  • राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन झारखंड यात्रा पंजीकरण पत्र जारी किया गया है, जिस पर प्रवासी झारखंड वासी खुद को पंजीकृत कर रहे हैं। सभी जिलों के उपायुक्त पंजीकृत लोगों को सरकारी सहायता उपलब्ध करायेंगे।
  •  झारखंड के नजदीकी बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जैसे राज्यों से लोगों की वापसी बस से करें, वहीं दूर के राज्यों हेतु स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था करायी जाये
  •  राज्य स्तरीय नोडल पदाधिकारी रेल से वापसी हेतु संबंधित राज्य से समन्वय करेंगे। यात्रियों की सूची एवं उनके वापस आने के पश्चात स्क्रीनिंग और बसों से जिले में वापसी की सारी व्यवस्था भी नोडल पदाधिकारी के जिम्मे होगा।
  •  जिला स्तरीय नोडल पदाधिकारी बसों से लोगों की वापसी हेतु संबंधित राज्यों से समन्वय करेंगे। यात्रियों की सूची एवं जिले में वापसी के बाद उनकी स्क्रीनिंग एवं होम क्वारेंटाइन अथवा सरकारी क्वारेंटाइन में भेजने की सारी व्यवस्था भी वही करेंगे।
  •  प्रत्येक जिला वापस आने वाले सभी लोगों की पूरी सूची रखेंगे।
  •  कंटेनमेंट जोन में जिन लोगों का घर है, उन्हें वहां वापस जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
  •  प्रत्येक यात्रा के पहले एवं यात्रा के बाद सभी वाहनों को पूर्णत: सेनिटाइज करना आवश्यक होग
  •  बसों से दिन के समय में ही यथासंभव यात्रा करना सुनिश्चित किया जायेगा।
  •  प्रवासियों के होम क्वारेंटाइन की स्थिति में पंचायत के प्रतिनिधि एवं मुखिया इन लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के सभी मानकों को पूरा कराना सुनिश्चित करायें।
  •  निजी वाहनों से अन्य राज्य में वापस जाने हेतु संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा पास निर्गत किया जायेगा।
  •  पास निर्गत करने से पूर्व संबंधित व्यक्ति ने अपना क्वारेंटाइन पीरियड पूरा किया है और कोविड-19 हेतु कोई रिपोर्ट प्रतीक्षा में न हो, इसे सुनिश्चित किया जायेगा।
  •  कंटेनमेंट जोन में ऐसे पास अमान्य होंगे।
  •  झारखंड के बाहर फंसे वैसे लोग, जो अपने वाहनों के द्वारा वापस आना चाहते हैं, उन्हें इंटर स्टेट मूवमेंट के लिए एनओसी उपायुक्त जारी करें।
  •  झारखंड से दूसरे राज्यों में वापस जाने अथवा दूसरे राज्यों से झारखंड वापस आने हेतु संबंधित राज्यों से समन्वय स्थापित करना तथा दोनों राज्यों की सहमति अनिवार्य होगी।
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