Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, May 19
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»ताजा खबरें»वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, धरती का सबसे नजदीकी ब्लैक होल खोजा गया
    ताजा खबरें

    वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, धरती का सबसे नजदीकी ब्लैक होल खोजा गया

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskMay 7, 2020No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष की दुनिया में एक और बड़ी सफलता मिल गई है। यूरोपीय खगोलविदों ने धरती के सबसे करीबी एक ब्लैक होल का पता लगा लिया है। यह ब्लैक होल इतना नजदीक है कि इसके पास नाच रहे दो सितारे भी आसानी से देखे जा सकते हैं। यह ब्लैक होल करीब 1000 प्रकाश वर्ष दूर है और प्रत्येक प्रकाश वर्ष 5.9 ट्रिलियन मील दूर है। यूरोपियन साउदर्न ऑब्जर्वेटरी के खगोलविद थॉमस रिविनियस ने कहा कि ब्रह्मांड और यहां तक कि गैलक्सी यह हमारे पड़ोस के अंदर है।

    यह अध्ययन बुधवार को ‘एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। टेलिस्कोपियम तारामंडल में मिला यह ब्लैक होल HR 6819 सिस्टम का हिस्सा है।

    यह ब्लैक होल अपने-आप में अदृश्य है लेकिन इसके दो चमकीले साथी तारे हैं, जो इसके छिपने के स्थान को दूर करते हैं। इससे पहले धरती पर जो ब्लैक होल मिला था, वो तीन गुना अधिक दूर था। इसका मतलब ये कि वो 3200 प्रकाश वर्ष की दूरी पर था। अब इस ब्लैक होल की खोज के बाद से ये संकेत मिल रहे हैं कि वहां ऐसे और भी ब्लैक होल मौजूद हैं।

    इसे लेकर खगोलविद बताते हैं कि 10 करोड़ से एक अरब ऐसे छोटे ऑब्जेक्ट मिल्की वे में मौजूद हैं। दिक्कत यह है कि हम उन्हें नहीं दिख सकते हैं। कोई भी ब्लैक होल की ग्रैविटी से बच नहीं सकता है। सामान्य तौर पर वैज्ञानिक ही केवल उसे देख सकते हैं जब वे (ब्लैक होल) पार्टनर स्टार के आसपास घूम रहे होते हैं और जब कुछ उनके ऊपर गिरता है। वहीं खगोलविद इस ब्लैक होल की खोज इस वजह से कर पाए क्योंकि यह एक स्टार का आसामान्य ऑर्बिट है।

    जो ब्लैक होल मिला है वो डबल-स्टार सिस्टम का हिस्सा है, जिसे HR 6819 कहते हैं। बाकी के दो सितारे बेहद गर्म हैं। चीली में एक दूरबीन की सहायता से खगोलविदों ने यह पुष्टि की है कि सूरज से चार या पांच गुना ज्यादा बड़ा पिंड अंदरुनी सितारे द्वारा खिंचा जा रहा था। यह केवल एक ब्लैक होल हो सकता है। जब उन्होंने अपनी खोज का विश्लेषण किया, तो वे दंग रह गए जब उन्होंने एचआर 6819 को खोजा।

    जानकारी के लिए बता दें एक प्रकाश वर्ष की दूरी साढ़े नौ हजार अरब किलोमीटर दूरी के बराबर होती है। लेकिन ब्रह्मांड, यहां तक कि आकाशगंगा के संदर्भ में, यह ब्लैक होल हमारा पड़ोसी है। रिविनियस ने ही इस खोज से जुड़ी टीम का नेतृत्व किया था। इस खोज के बाद हार्वर्ड ब्लैक होल इनीशिएटिव के निदेशक एवी लोएब ने कहा कि ऐसे ब्लैक होल होने की भी संभावना है जो इस ब्लैक होल की तुलना में धरती के अधिक करीब हों।

    वैज्ञानिक पीटर हैड्रावा ने कहा कि उनकी टीम को जब ये पता चला कि ये ब्लैक होल के साथ पहला स्टेलर सिस्टम है तो वह हैरान रह गए। इसे कोई भी नंगी आंखों से देख सकता है। उन्होंने कहा कि ये हमारे इतने करीब है कि इसके सितारों को दक्षिणी गोलार्ध से दूरबीन या दूरबीन के बिना एक अंधेरी, साफ रात में देखा जा सकता है।

     

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleयूपी के दोनो वीर शहीदों के घर तक बनेंगी सड़कें : मौर्य
    Next Article चीन की तरफ फिर उठी उंगली, अब पॉम्पिओ बोले- यकीन है, वुहान की प्रयोगशाला से ही पैदा हुआ कोविड-19
    azad sipahi desk

      Related Posts

      रूस ने यूक्रेन पर दागे 273 ड्रोन, अबतक का सबसे बड़ा हमला

      May 18, 2025

      चीन की विमान कंपनियों ने नेपाल का कानून मानने से क्या इनकार, सरकार को नहीं देतीं टैक्स

      May 18, 2025

      अमेरिका में जन्मजात नागरिकता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, जून में फैसला संभव

      May 16, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • मारा गया लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद, भारत में कई आतंकी हमलों का था मास्टर माइंड
      • भारत-पाक संघर्ष के समय आइएसआइ के संपर्क में थी ज्योति मल्होत्रा
      • मोरहाबादी स्टेज को ध्वस्त करने का कारण बताये राज्य सरकार : प्रतुल शाहदेव
      • मंईयां सम्मान योजना महज दिखावा : सुदेश
      • JSCA के नए अध्यक्ष बने अजय नाथ शाहदेव, सौरभ तिवारी सचिव चुने गए
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version