लॉकडाउन 3.0 की शुरूआत में ही प्रवासी मजदूरों का घर वापस जाने को लेकर राजनिती गर्मा गयी है। मजदूर के रेल किराएं को लेकर बायबाजी के तीर चलने लगे है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इस संकट के वक्त में भी केंद्र सरकार मजदूरों से टिकट का पैसा वसूल रही है। इन सभी आरोपों पर अब रेल मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया है। रेल मंत्रालय का कहना है कि इन पूरी यात्राओं के लिए सिर्फ राज्य सरकारों से 15 फीसदी पैसा वसूला जा रहा है, ऐसे में कोई भी टिकट नहीं बेचा जा रहा है।
आरोपों के बीच रेल मंत्रालय ने अपनी सफाई में कहा, ‘भारतीय रेलवे प्रवासी मजदूरों के टिकट के लिए सामान्य चार्ज वसूल रही है, वो भी राज्य सरकार से सिर्फ 15 फीसदी ही ले रही है। रेलवे की ओर से कोई टिकट नहीं बेची जा रही है, सिर्फ उन्हीं यात्रियों को ट्रेनों में बैठाया जा रहा है जिनकी जानकारी राज्य सरकारें दे रही हैं।साथ ही यात्रा कर रहे हर प्रवासी मजदूर को रेलवे की ओर से मुफ्त खाना और पानी की बोतल दी जा रही है।
गौरतलब है कि प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने जो ट्रेन चलवाई हैं, उनका नाम श्रमिक ट्रेन दिया गया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार मजदूरों से इस यात्रा का पैसा वसूल रही है।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सोमवार को ऐलान कर दिया था कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई प्रवासी मजदूरों के टिकट का पूरा खर्च उठायेगी। अब जब रेलवे ने अपना पक्ष रखा तो कांगेस और भी आक्रामक हो गयी है। कांग्रेस का कहना है कि रेलवे दो तरह की बातें बोल रही है। अब कांग्रेस ने मांग की है कि किराया वसूलने वाले आॅर्डर को तुरंत वापस लिया जाये।
रेलवे ने कहा : किराएं पर सिर्फ राज्य सरकारों से 15 फीसदी पैसा वसूला जा रहा है
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