मुख्यमंत्री ने भारतीय प्राकृतिक राल और गोंद संस्थान का भ्रमण किया
लाख की खेती और उत्पाद रोजगार का बन सकता है बेहतरीन माध्यम
रांची। झारखंड लौट रहे अप्रवासी मजदूरों को रोजगार देने को लेकर हेमंत सोरेन सरकार गंभीर है। इसे लेकर सीएम हेमंत सोरेन रोजगार सृजन के तमाम पहलुओं का आकलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को रोजगार सृजन में लाख की खेती और उत्पाद का नब्ज टटोलने सीएम हेमंत सोरेन नामकुम स्थित भारतीय प्राकृतिक राल और गोंद संस्थान पहुंचे और लाख का उत्पादन, प्रसंस्करण और उत्पाद निर्माण की दिशा में किये जा रहे कार्य और अनुसंधान का जायजा लिया। सीएम ने कहा कि झारखंड के मजदूरों-किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़े, पलायन रुके, इस दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है। लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को अपने ही गांव और पंचायत में रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। लाख की खेती और उससे तैयार होने वाले उत्पाद रोजगार का बेहतरीन माध्यम साबित हो सकता है। सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को लाख की खेती से जोड़ा जाये और इसके लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराया जायेगा।
लाख के उत्पाद को विकसित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान देश का इकलौता संस्थान है, जो लाख की खेती और अनुसंधान के लिए कभी पूरी दुनिया में जाना जाता था। आज यह संस्थान और लाख की खेती विषम परिस्थितियों से गुजर रही है। लाख से उत्पाद बनाने की कला विलुप्त होती जा रही है, लेकिन फिर से इसे विकसित करने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठायेगी।
रोजगार सृजन की कड़ियों को जोड़ने का सिलसिला
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन की दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है। इस सिलसिले में ग्रामीण विकास विभाग की तीन योजनाओं का शुभारंभ हो चुका है। आने वाले दिनों में इसका दायरा तेजी से बढ़ेगा। इस सिलसिले में रोजगार के क्षेत्र में वैल्यू एडिशन का आकलन सरकार कर रही है और उसी के हिसाब से रोजगार के अवसर लोगों को उपलब्ध कराये जायेंगे।