कोलकाता। बंगाल में ममता सरकार के दो मंत्रियों फिरहाद हकीम व सुब्रत मुखर्जी, एक विधायक मदन मित्रा और एक पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद राज्यभर में उपद्रव शुरू हो गया है। लॉकडाउन के नियमों की धज्जिया उड़ते हुए भारी संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता-समर्थक कोलकाता के सीबीआई दफ्तर निजाम पैलेस का घेराव किए थे। समय बढ़ने के साथ ही तृणमूल के दर्जनों विधायक व हैवीवेट नेता भी निजाम पैलेस पहुंच गए। उनके साथ उनके समर्थक भी पहुंच गए। दोपहर बाद अचानक तृणमूल कार्यकर्ता उग्र हो उठे और निजाम पैलेस के लिए बनाए गए सुरक्षा घेरे को तोड़ कर भीतर जाने की कोशिश करने लगे। यही नहीं, केंद्रीय बलों को लक्ष्य कर निजाम पैलेस पर पथराव शुरू कर दिया। हैरत की बाद यह थी कि पुलिस के सामने ही तृणमूल के उपद्रवी समर्थक तोड़फोड़ कर रहे थे और वे मूकदर्शक की भूमिका में खड़े सब देख रहे थे। दूसरी ओर नाराज तृणमूल कार्यकर्ताओं ने राजभवन का भी घेराव कर दिया। लॉकडाउन का माखौल उड़ाते हुए बिना मास्कर पहने राजभवन के गेट संख्या एक और तीन के समक्ष बड़ी संख्या में एकत्र होकर प्रदर्शन करने लगे। यही नहीं, सुरक्षा घेरा तोड़ कर कुछ लोग राजभवन की ऊंची दीवार फांद कर भीतर जाने की भी कोशिश की। हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद वहां सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें एेसा करने से रोक दिया। दूसरी ओर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने तृणमूल के मंत्रियों-नेताओं की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं के उपद्रव पर चिंता व नाराजगी जताई। कहा कि राज्य में अराजकता का माहौल बना हुआ है और पुलिस मूकदर्शन बनी देख रही है। हर वक्त हालात बद से बदतर बनते जा रहे हैं। परिस्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही है। टीवी में देख रहा हूं सीबीआई दफ्तर पर पथराव हो रहा है। आग लगाई जा रही है और पुलिस दर्शक बनी देख रही है। सरकार को अविलंब कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरुरी कदम उठाने होंगे।

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