अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) के 15वें कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने सोमवार की शाम को सशस्त्र बलों की एकमात्र त्रि-सेवा संचालन कमांड की कमान छोड़ दी। आज वह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी (सेवानिवृत्त) से विदाई लेने और कार्यकाल के दौरान समर्थन और सहयोग के लिए उनके प्रति आभार जताने पहुंचे। उन्होंने उपराज्यपाल को आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर अंडमान और निकोबार कमांड केंद्र शासित प्रशासन को पूरा समर्थन देना जारी रखेगी। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे मंगलवार (01 जून) को सेना की पूर्वी कमान के कमांडर का पदभार ग्रहण करेंगे।
अपने विदाई भाषण में लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने वर्तमान और उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कोविड महामारी के बावजूद उच्च स्तर की परिचालन तत्परता बनाए रखने के लिए सभी रैंकों की सराहना की। उन्होंने वांछित परिचालन परिणाम प्राप्त करने के लिए तीनों सेवाओं और भारतीय तटरक्षक बल के बीच तालमेल के महत्व पर जोर दिया। बाद में उन्होंने आईएनएस उत्क्रोश में संयुक्त बल गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। जनरल ऑफिसर मनोज पांडे के नेतृत्व में पिछले एक साल के दौरान एएनसी ने परिचालन तैयारियों में काफी वृद्धि की है और सफलतापूर्वक कई प्रमुख त्रि-सेवा संचालन अभ्यास, ब्रह्मोस मिसाइल फायरिंग और विदेशी नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास किया है।
भारतीय सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मार्च, 2021 में इस अंडमान और निकोबार कमांड का दौरा किया था। उनकी यात्रा के दौरान भी कमांड ने एक अद्वितीय संयुक्त परिचालन अभ्यास किया था। पोर्ट ब्लेयर और अन्य स्टेशनों जैसे शिबपुर, कार निकोबार, कामोर्टा और कैंपबेल बे में चल रहे बुनियादी ढांचे के कार्यों में तेजी लाने पर भी जोर दिया गया है। जनरल ऑफिसर मनोज पांडे अपने कार्यकाल में नागरिक प्रशासन और द्वीप के लोगों के साथ कामकाजी संबंधों में सामंजस्य स्थापित करने के प्रयासों में सबसे आगे रहे हैं।