रांची। वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को अभियुक्त बनाये जाने पर भाजपा और झामुमो में ठन गयी है। इस मामले में जहां भाजपा ने राज्य सरकार पर राजनीतिक विद्वेष के तहत कार्रवाई का आरोप लगाया है, वहीं झामुमो ने कहा है कि रघुवर दास पर लगे आरोपों की यदि जांच हो रही है, तो भाजपा क्यों उतावली है, जबकि रघुवर दास खुद कह चुके हैं कि वह किसी जांच से नहीं डरते।

रघुवर दास को टारगेट कर रही है झारखंड सरकार : दीपक प्रकाश

आजाद सिपाही संवाददाता

रांची। रघुवर दास को आरोपी बनाये जाने पर भाजपा ने सवाल उठाया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि राजनीतिक विद्वेष के तहत राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री को टारगेट कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक निर्मला देवी ने आरोप लगाये थे। चार साल हो गये। उस समय राज्य में भाजपा की सरकार थी। यदि वह चाहती, तो मामले को ठंडे बस्ते में डाला जा सकता था, पर ऐसा नहीं हुआ। डेढ़ साल पहले राज्य में नयी सरकार आयी। उसे भी जांच में कुछ नहीं मिला। इस मामले में नयी धारा जोड़कर सरकार ने राजनीतिक विद्वेष का उदाहरण दिया है। रघुवर दास पर पीसी एक्ट लगाया गया है। यह उस केस में लगाया जाता है, जो हो चुका है। ऐसा कोई अपराध, जो घटित ही नहीं हुआ, उसके लिए पीसी एक्ट लगाना हास्यास्पद है।

जांच हो रही है, तो उतावली क्यों है भाजपा : सुप्रियो भट्टाचार्य

आजाद सिपाही संवाददाता

रांची। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि यदि रघुवर दास पर लगे आरोप की जांच हो रही है, तो भाजपा उतावली क्यों हैं। 2016 के राज्यसभा चुनाव के समय एक सीट जीतने के लिए जो साजिश रची गयी, क्या वह सही थी। इस मामले के प्रथम सूचक बाबूलाल मरांडी थे। वह इस मामले में कोर्ट गये। चुनाव आयोग गये। उन्हें भाजपा अपना विधायक दल का नेता बनाती है। यदि विधायक दल का नेता पूरी जिम्मेवारी के साथ अपनी बात कहता है, तो उनकी भर्त्सना करने की जगह भाजपा का राज्य सरकार पर सवाल उठाना कहां सही है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान भाजपा ने जो कुकृत्य किये, उन सबकी जांच होगी। रघुवर दास ने खुद कहा है कि वह जांच से नहीं डरते, तो फिर दिक्कत क्या है।

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