आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। प्रवर्तन निदेशालय(इडी) के रडार पर आयीं झारखंड की महिला अफसर आइएएस पूजा सिंघल की कहानी बड़ी दिलचस्प है। करीब 20 करोड़ की नकदी बरामद होने के बाद उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से सामने आ रहे हैं। बचपन से ही बेहद महत्वाकांक्षी पूजा सिंघल यूं ही नहीं एक के बाद एक भ्रष्टाचार करती रहीं। उनकी भ्रष्टगाथा में कई ऐसे तार हैं, जिन्हें जोड़ते जाओ तो पूरी कहानी समझ में आती है। पूजा सिंघल के एक पारिवारिक मित्र ने नाम न लेने की शर्त पर बताया कि, वह बचपन से ही बेहद महात्वाकांक्षी थी। क्लास में हमेशा टॉप करती और पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास करके वह 21 साल की उम्र में ही आइएएस अधिकारी बन गयी थी।
सिंघल शुरू से ही बेहद महत्वाकांक्षी थी। वह कम उम्र में ही बहुत कुछ पा लेना चाहती थीं। इसलिए, उन्होंने अपनी तैनाती से पहले ही सभी पार्टी के विधायकों से नजदीकियां बढ़ा ली थीं, लेकिन जब जिलों में तैनाती मिलनी शुरू हुई तो उन्होंने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया।
मनरेगा घोटाले में भी सामने आया था नाम
आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के लिए यह पहली बार नहीं है कि उनका नाम भ्रष्टाचार में सामने आया है। इससे पहले भी कई घोटालों से उनका पुराना नाता रहा है। चतरा में उपायुक्त रहते हुए मनरेगा योजना में दो एनजीओ को छह करोड़ रुपये देने के अलावा खूंटी में मनरेगा योजना में 16 करोड़ रुपये के घोटाले में भी उनका नाम सामने आया था। इसकी जांच भी इडी कर रही है। अब उनके घर से करीब 20 करोड़ रुपये की नकदी पकड़ी गयी है।