- नेताओं, अफसरों और दलालों के गठजोड़ ने राज्य को लूटा
अजय शर्मा
रांची (आजाद सिपाही)। जब झारखंड अलग राज्य बना था, तो उस समय ऐसा लगा कि यह राज विकास के मामले में देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ कर टॉपर होगा। खनिज संपदा से भरपूर इस राज्य की आबादी उस समय 3 करोड़ से भी कम रही होगी। जैसे-जैसे समय बीतता गया। सब कुछ उल्टा हो गया। झारखंड की गिनती मोस्ट करप्शन के रूप में होने लगी। गरीबी के मामले में भी झारखंड नीचे से सेकंड पर है। यह सब कुछ नेताओं, अफसरों और दलालों के गठजोड़ के कारण हुआ। विकास योजनाओं का बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में वसूले गये। गरीबों के पैसे से विदेश का सैर सपाटा किया गया। आदिवासियों के नाम पर राजनीति तो हुई, लेकिन उनका एक कदम भी विकास नहीं हुआ। हां, कुछ आदिवासी पैसों के मामले में समृद्ध जरूर हो गये। अभी झारखंड पर एक ताजा कलंक लगा है। यह दाग भी जल्दी धुलनेवाला नहीं है। इसके लिए इमानदारी से पहल करनी होगी। एनआइए ने एक आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापामारी कर अपनी मंशा तो जरूर साफ कर दी, लेकिन दूसरी आइएएस अधिकारियों के खिलाफ जो दस्तावेज और सबूत मिले हैं, उस पर कार्रवाई नहीं हुई तो इडी पर भी सवाल खड़ा हो सकता है। दलालों के माध्यम से जिन लोगों ने मलाइदार पोस्टिंग पायी, करोड़ों का कमीशन वसूला, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। बड़ा दलाल प्रेम प्रकाश, विशाल चौधरी, निशिथ केशरी जैसे लोगों को पनपने नहीं देना चाहिए। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। किन अफसरों के लिए इन्होंने काम किया, किसने इनकी मदद की, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। यह झारखंड के लिए कितनी विडंबना है कि प्रेम प्रकाश और विशाल चौधरी जैसे लोगों की मदद में अधिकारियों का वह समूह खड़ा हो जाता है, जो सबसे कठिन परीक्षा पास करके आता है। सत्ता के दलाल यह तय करने लगते हैं कि किस अफसर को कहां भेजना है। किसको कहां से हटाना है। जाहिर है, प्रेम प्रकाश ने जो कुछ बताया है, अगर उस पर इडी ने कार्रवाई की, तो दर्जन भर आइएएस-आइपीएस के चेहरों से मुखौटा उतार जायेगा। प्रेम प्रकाश और विशाल चौधरी के मोबाइल चैट में जो राज कैद हैं, उस पर से परदा उठ गया तो कई आइएएस चुल्लू भर पानी में डूब मरेंगे।
अधिकारियों से भी हो पूछताछ
अब तक किसी अधिकारी को नहीं बुलाये जाने पर अब तरह-तरह के सवाल खड़ा हो रहे हैं कि क्या यह जांच उन अधिकारियों तक भी पहुंचेगी जिनके कारण प्रेम प्रकाश और विशाल चौधरी जैसे सत्ता के दलाल रातोंरात करोड़पति बन जाते हैं। कैसे इन अधिकारियों को ये सत्ता के दलाल अपनी अंगुलियों पर नचाते हैं। उनके लिए पैसे के अलावा महंगे गिफ्ट, शराब और हर जरूरी सामान उपलब्ध कराते हैं।