सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा दाखिल एसएलपी पर सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस भट्ट और जस्टिस धूलिया ने की अदालत में हुई। राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। कपिल सिब्बल ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पक्षकार बनाया जाना चाहिए था। यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। इस लिए कोस्ट लगाकर मामले को रद्द कर देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट से याचिका की मेंटेनिबिलिटी पर फैसला लेने को कहेंगे, हम इसमें अपनी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, हम इन सबके बीच में नहीं आयेंगे।

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