बाबूलाल मरांडी ने कहा विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री के इशारे पर मामले को लटकाए बैठे हैं। कहा कि प्रदेश भाजपा ने अपने विधायक दल का नेता चयन कर विधानसभा सचिवालय को विधिसम्मत सूचना दी है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जहां तक जेवीएम का बीजेपी में विलय का सवाल है चुनाव आयोग ने अपने निर्णय में सारी स्थित स्पष्ट कर दी है। कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसने विलय को मान्यता देते हुए दो बार उन्हें राज्यसभा चुनाव में भाजपा विधायक के रूप में मत देने का अधिकार दिया। फिर भी स्पीकर के द्वारा भाजपा नेता विधायक दल को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं देना राज्य सरकार के इशारे पर एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नही चाहती कि नेता प्रतिपक्ष की अनुशंसा से लोकायुक्त का चयन हो,सूचना आयुक्त का चयन हो। क्योंकि फिर राज्य सरकार की नाकामियां उजागर होंगी।

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