-प्रेम प्रकाश ने छवि रंजन को एक करोड़ की घूस दी, विष्णु अग्रवाल ने गोवा ट्रिप का खर्च उठाया
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। इडी द्वारा गिरफ्तार किये गये आइएएस अधिकारी छवि रंजन के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने के अलावा घूस लेने के भी आरोप लगाये गये हैं। इडी द्वारा उनकी रिमांड के लिए दायर याचिका में ये आरोप लगाये गये हैं। बरियातू स्थित सेना की कब्जे वाली जमीन में फर्जीवाड़ा, बजरा मौजा की जमीन का अवैध हस्तांतरण करने और कई अन्य तथ्यों का जिक्र याचिका में किया गया है।
याचिका में दर्शाये गये आरोपों के अनुसार इडी की जांच से पता चला है कि छवि रंजन ने 2020-21 से 2022 के दौरान रांची के उपायुक्त के रूप में काम करते हुए अपने पद और एक लोक सेवक की क्षमता का दुरुपयोग किया। उन्होंने खुद को लाभ पहुंचाने के लिए कई पार्टियों को अनुचित लाभ पहुंचाया और तथ्यों को छिपाया। उन्होंने निजी व्यक्तियों को धोखाधड़ी करने में मदद की।
याचिका में कहा गया है कि जांच में छवि रंजन द्वारा एक करोड़ रुपये की घूस लेने की बात का पता चला है। यह रकम पूर्व में गिरफ्तार आरोपी प्रेम प्रकाश द्वारा दी गयी। यह रकम छवि रंजन ने बड़गाईं मौजा में एक जमीन को प्रतिबंधित सूची से हटाने के एवज में ली। इसके अलावा इडी की जांच में यह भी पता चला है कि अंचल कार्यालय से छवि रंजन को दो-ढाई लाख रुपये की एक निश्चित राशि का भुगतान भी किया गया था, जो उनके एक करीबी विश्वासपात्र के पास जमा किया गया था।
विष्णु अग्रवाल ने गोवा ट्रिप का खर्च उठाया
इडी के अनुसार, जांच में यह भी पता चला है कि आइएएस अधिकारी छवि रंजन ने मौखिक रूप से अंचल अधिकारी मनोज कुमार से विष्णु अग्रवाल और उनकी पत्नी अनुश्री अग्रवाल के नाम चेशायर होम रोड पर एक एकड़ जमीन का नामांतरण करने के लिए कहा था। हालांकि अंचल कार्यालय के समक्ष विवाद लंबित था। विष्णु कुमार अग्रवाल के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से पता चला कि उन्होंने छवि रंजन की गोवा यात्रा की सुविधा प्रदान की, जिसमें गोवा के अगुआडा में ताज फोर्ट होटल में ठहरने और आने-जाने समेत दूसरे खर्च शामिल थे। बुकिंग के तरीके को छिपाने के लिए एक ट्रैवेल एजेंट के माध्यम से यह व्यवस्था की जाती थी। बुकिंग की राशि विष्णु अग्रवाल के एक कर्मचारी द्वारा दिल्ली में एक ट्रैवेल एजेंट को नगद दी जाती थी।
नामकुम की जमीन के लिए किया गड़बड़झाला
इडी की जांच में पता चला है कि छवि रंजन ने नामकुम स्थित पुगरू मौजा में 7.16 एकड़ गैर-मजरुआ जमीन की बिक्री और हेहल मौजा स्थित एक जमीन का म्यूटेशन बिनोद सिंह के नाम पर करने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया। नामांतरण के बाद यह संपत्ति श्याम सिंह और रवि सिंह भाटिया के नाम दर्ज की गयी। इस जमीन का वास्तविक मूल्य 29 करोड़ था, जिसका सौदा 15.10 करोड़ में हुआ। इसमें चेक के माध्यम से 3.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। हालांकि बिनोद सिंह के दावे को पहले सीओ और एलआरडीसी द्वारा वर्ष 2021 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन छवि रंजन ने बिनोद सिंह के नाम पर नामांतरण की अनुमति दी थी। यहां तक कि छवि रंजन द्वारा साहू परिवार के नाम पर जमाबंदी रद्द कर दी गयी थी। इतना ही नहीं, छवि रंजन ने पुलिस की मौजूदगी में उपरोक्त स्थल पर चहारदीवारी निर्माण के निर्देश जारी किये थे।