आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के नौ साल पूरे हो गये हैं। इन वर्षों में सरकार ने कई मुकाम हासिल किये। कई अहम फैसले लिये। ये फैसले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के लिए गेमचेंजर साबित हुए। इस दौरान मोदी सरकार के कुछ बड़े फैसलों ने लोगों के बीच पीएम मोदी के साथ भाजपा का भरोसा बढ़ाया। ऐसे में दो बार के कार्यकाल के बाद पीएम मोदी के सामने साल 2024 के आम चुनाव में हैट्रिक लगाने की चुनौती होगी। मोदी सरकार ने 2014 में सता में आने के बाद नियमित अंतराल पर साफ संदेश दिया कि वह किसी भी तरह के फैसले लेने में नहीं हिचकेगी। आम लोगों के बीच मोदी और उनकी सरकार की लोकप्रियता के पीछे यह सबसे अहम फैक्टर बना। इसकी शुरूआत पहले कार्यकाल में नोटबंदी का फैसला था। इसके बाद सरकार ने आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया। कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने सख्त लॉकडाउन का फैसला किया। लोगों ने सरकार के फैसले लेने के तरीकों को पसंद किया। सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने जैसे फैसले भी किये। इससे साबित हुआ कि सरकार मजबूत फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगी।
पीएम मोदी ने बीते नौ साल में लोगों से जुड़ने के लिए नयी संवाद शैली अपनायी। साल 2014 से ही उन्होंने लोगों के बीच अधिक से अधिक पहुंचने की परंपरा शुरू की। नौ साल पूरा होने के बावजूद यह सिलसिला जारी है। 2014 के बाद एक बड़ा फैक्टर जो सामने आया और जो पीएम मोदी की मजबूती और सरकार की लोकप्रियता का बड़ा कारण बना, वह था ग्लोबल स्तर पर इस बात को स्थापित करना कि भारत की ताकत बढ़ी है। कोरोना में पूरी दुनिया में टीका भेजने से पीएम की ग्लोबल इमेज उभरी। 2016 में जेएनयू में छात्र आंदोलन और उसके तुरंत बाद सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश में राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का एक नया भावनात्मक मेल सामने आया। इसने पूरे देश की सियासत बदल दी। मोदी सरकार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट या आमजन से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं की तय सीमा के अंदर डिलिवरी दी। कुछ दूसरे मोर्चे पर काम की गति पर सवाल भी उठे।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version