विशेष
घरेलू ही नहीं, हर मोर्चे पर भारत ने लहराया अपना परचम
आपदा में भी तन कर खड़ा रहा दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र
ब्रांड मोदी की चमक बरकरार रखने के लिए भाजपा को भी सोचना होगा

दिन 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। देश यह जनाता था कि मोदी कुछ तो कमाल जरूर करंगे। उन्होंने किया भी। भारत का आज विश्व में डंका बज रहा है। आज बड़े और विकसित देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए उत्साहित रहते हैं। उनसे हाथ मिलाने और पैर छूने में गर्व की अनुभूति करते हैं। देखते ही देखते नरेंद्र मोदी वर्ल्ड लीडर के रूप में उभर गये। आज नरेंद्र मोदी का बतौर प्रधानमंत्री दूसरा कार्यकाल चल रहा है। मोदी के साथ-साथ देश ने बहुत कुछ देखा है, कुछ पाया भी है, तो कुछ खोया भी। लेकिन एक कहावत है, जो बहुत प्रचलित है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है। यहां तो बहुत कुछ पाने के लिए थोड़ा बहुत खोया है देश ने। लेकिन जो कुछ भी खोया है, वह भी देशहित में ही है। नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री वह कुछ कर दिखाया, जिसकी कल्पना शायद ही भारत के किसी प्रधानमंत्री ने की होगी। आज मोदी का कद कितना बड़ा हो चुका है, यह इसी से समझा जा सकता है कि देश का समूचा विपक्ष एक मोदी को हराने के लिए एक मंच पर उतरने के लिए प्रयासरत है। मोदी को हराने का उनका प्रयास 2019 में भी हुआ, जो असफल रहा। 2024 में क्या होगा, यह तो भविष्य के गर्त में है, लेकिन सच्चाई यही है कि अभी तक विपक्ष के पास मोदी के कद के बराबर का कोई नेता नहीं है। इन नौ सालों के दरम्यान जो कुछ उभर कर आया है, उसमें एक बात शीशे की तरह साफ है कि मोदी को भारत की जनता ने देश के लिए चुना है, राज्यों के लिए नहीं। भाजपा को अगर मोदी की चमक को बरकरार रखना है, तो वह मोदी को देश के लिए ही छोड़ दे, राज्यों के लिए लोकल नेता तैयार करे। नहीं तो आनेवाला समय कठिन होगा। इसी से समझा जा सकता है मोदी जब पहली बार पीएम बने थे, तब देश के सात राज्यों में भाजपा की सरकार थी। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा में भाजपा के मुख्यमंत्री थे, जबकि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और आंध्रप्रदेश में टीडीपी के साथ वह सत्ता की साझेदार थी। 2018 में भाजपा अपने चरम पर थी। तब 21 राज्यों में भाजपा या सहयोगी पार्टियों की सरकार थी। अब सिर्फ 14 ऐसे राज्य हैं, जहां भाजपा या उसके गठबंधन की सरकार है। यह आंकड़ा मोदी की बढ़ती और घटती लोकप्रियता का पैमाना नहीं है, लेकिन मोदी नाम पर अगर भाजपा वोट मांगती रही, तो सूर्य को भी ग्रहण लगता है। भाजपा को अगर लंबी रेस का घोड़ा बनना है, तो समय रहते भाजपा को राज्यस्तरीय नेता तैयार करना ही होगा। वह मोदी को फ्रंट फुट पर खेलने दे। मोदी फ्रंट फुट पर खेलते हैं, तो अच्छा परफॉर्म करते हैं। अपने कार्यकाल में मोदी ने अपने फैसलों से ऐसी-ऐसी बाउंड्री लगायी है कि इन नौ सालों में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। स्वच्छ भारत अभियान, हर-घर शौचालय, जन-धन योजना, मुद्रा योजना, पीएम आवास योजना, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, आर्टिकल 370, जीएसटी, आयुष्मान भारत योजना, कोरोना वैक्सीन निर्माण, डिजिटल इंडिया, नागरिकता संशोधन विधेयक और तो और मंदिर वहीं बनायेंगे वाला भाजपा का वादा भी पूरा हुआ। राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। अपने कार्यकाल में मोदी द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन के बारे में बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की कमान संभाले नौ साल हो चुके हैं। 26 मई 2014 को पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की कमान संभाली थी। 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। 2014 का आम चुनाव इसलिए खास था, क्योंकि 30 साल बाद किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था। भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं। वहीं, 2019 में आयी मोदी सुनामी में विपक्षी दलों के कई पुराने दरख्त तक उखड़ गये थे। समूचा विपक्ष भौचक्का हुआ पड़ा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह करे तो क्या करे। पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर भाजपा ने 303 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। 2014 में केंद्र की सत्ता में स्थापित हुई मोदी सरकार ने इस दौरान कई बड़े फैसले लिये। आम जनता को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश समेत कई निर्णयों ने मोदी सरकार की स्वीकार्यता को बढ़ाया। इन नौ सालों में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज देश की वायु सीमा की रक्षा राफेल जैसा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान कर रहा है, तो एस-400 जैसी सर्वश्रेष्ठ मिसाइल रक्षा प्रणाली देश का कवच बन कर तैनात हो चुकी है। सबसे बड़ी बात आज भारत को कोई आंख नहीं दिखाता। पकिस्तान को तो भारत घर में घुस कर मारता है। चीन के सैनिकों को पीछे धकेलता है।

विकास की कहानी, आंकड़ों की जुबानी
भारत के विकास की कहानी कुछ आंकड़े कहते हैं। पीएम मोदी के कार्यकाल में स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों और शहरों में 12 करोड़ शौचालय बने। मोदी सरकार की जनधन योजना के तहत देशभर में 48.93 करोड़ लोगों ने अपने बैंक खाते खुलवाये। ये खाता जीरो बैलेंस के साथ शुरू होता है। पीएम मोदी की मुद्रा योजना में लोगों को बिना गारंटी के सस्ता ऋण दिया गया। इस योजना के तहत अब तक 40.82 करोड़ लोगों को 23.2 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया। पीएम आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के लिए 3.45 करोड़ घर बनाये गये। मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन की पहुंच बनी। केंद्र सरकार की जन आरोग्य योजना के तहत 4.44 करोड़ लोगों का इलाज हुआ। मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 12 करोड़ किसानों को हर साल छह हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। मोदी सरकार की हर घर जल योजना के तहत अब तक 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी मुहैया कराया जा चुका है। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुए कोविड टीकाकरण में अब तक 220.67 करोड़ वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है। 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की। 2015 में पीएम आवास योजना को तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया। 2016 में नोटबंदी का फैसला कर पीएम मोदी ने सभी को चौंका दिया था। 2017 में देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए जीएसटी लागू करने का फैसला किया। 2018 में मोदी सरकार ने पात्र लाभार्थियों के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं। 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया था। राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2020 में मोदी सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया। 2021 में कोरोना से बचाव के लिए मोदी सरकार ने स्वदेशी वैक्सीन के जरिये टीकाकरण अभियान की शुरूआत की। डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए 2022 में मोदी सरकार ने 5जी सेवाओं की शुरूआत की। 2014 में देश के अंदर मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी, जो अब बढ़ कर 692 हो चुकी है। 2023 में एम्स की संख्या बढ़ कर 24 हो चुकी है, जो 2014 में केवल छह थी। 2014 तक देश में 723 यूनिवर्सिटी थीं, जो 2023 में बढ़ कर 1472 हो चुकी हैं। 2014 तक देश में 16 आइआइटी संस्थान थे, जो 2023 में बढ़ कर 23 हो चुके हैं। 2014 तक देश में 13 आइआइएम थे, जो अब 20 हो चुके हैं। 2014 में भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 2.34 लाख मेगावाट थी, जो 2023 में बढ़ कर 4.17 लाख मेगावाट हो गयी। 2014 तक देश में 13 करोड़ गैस कनेक्शन थे, जो 2023 में बढ़ कर 31 करोड़ हो गये हैं। 2014 तक देश में नेशनल हाइवे की पहुंच 91 हजार 287 किमी तक थी, जो 2023 में 1.44 लाख किमी से ज्यादा हो गयी। 2014 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 74 थी, जो 2023 में बढ़ कर 148 हो गयी। 2014 तक देश में रेल मार्गों का 21,614 किमी हिस्सा ही इलेक्ट्रिक लाइन से जुड़ा था, जो 2023 में बढ़ कर 58 हजार 812 किमी तक पहुंच गया है।

वे फैसले, जो मील के पत्थर साबित हुए
मोदी सरकार ने 30 जुलाई 2019 में तीन तलाक विधेयक पारित किया था, जिसके बाद मुस्लिम समाज में तीन तलाक देना अपराध की श्रेणी में आ गया है। इस विधेयक को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 के नाम से जाना जाता है। मोदी राज में देश ने 28-29 सितंबर 2016 की रात पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक की। जब सुबह हुई, देश गौरवान्वित था। 11 दिसंबर 2019 को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न से भाग रहे हिंदू, ईसाई, बौद्ध, सिख और पारसी शरणार्थियों को देश की नागरिकता दी जायेगी। 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन किया। आज भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 14 सितंबर, 2020 को तीन कृषि कानून वाला बिल संसद में पेश हुआ। 17 सितंबर को लोकसभा में विधेयक पारित हो गया। 20 सितंबर को राज्यसभा में ध्वनि मत से विधेयक पारित हुआ। 24 सितंबर 2020 को पंजाब में किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ तीन दिन के रेल रोको आंदोलन की घोषणा की। बाद में सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिये थे।

दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुने गये। मॉर्निंग कंसल्ट की वेबसाइट पर जारी सूची में पीएम मोदी 78 फीसदी ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग के साथ टॉप पर रहे। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत 16 देशों के दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया था। पीएम मोदी को दुनिया भर में वयस्कों के बीच सबसे ज्यादा रेटिंग मिली थी। इस सूची में दूसरा स्थान मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर को मिला, जिन्हें 68 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली थी, जबकि तीसरे स्थान पर स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति अलैन बेरसेट रहे, जिन्हें 62 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है। सर्वे के मुताबिक साल 2021 के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता और भी बढ़ गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देश अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाज चुके हैं और यह सिलसिला आगे बढ़ता ही जा रहा है। पापुआ न्यू गिनी और फिजी दोनों देशों ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है। फिजी ने पीएम मोदी को ‘कंपेनियन ऑ फ द ऑ र्डर ऑ फ फिजी’ से सम्मानित किया है, तो वहीं पापुआ न्यू गिनी ने अपने सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रैंड कंपेनियन ऑ फ द ऑ र्डर ऑ फ लोगोहु’ से पीएम मोदी को नवाजा है।

आसान भी नहीं रहा यह नौ साल
इस प्रकार नौ साल का यह सफर इतना आसान भी नहीं रहा। भारत को दुनिया के नक्शे पर इतना ऊंचे स्थान पर लाने के लिए पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को खून-पसीना एक करना पड़ा। राजनीतिक विरोधियों के शब्दवाणों और गलत आरोपों के बावजूद यदि 140 करोड़ लोगों का यह देश आज भी नरेंद्र मोदी को लेकर गौरवान्वित होता है, तो इसका एकमात्र कारण यही है कि भारत आज पूरी तरह बदल गया है। बकौल पीएम मोदी, आज दुनिया भारत को सुनती है। यह यशगान भारत का है।

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