-इडी ने गिरफ्तार करने से पहले 10 घंटे की पूछताछ
-राज्य के दूसरे आइएएस चढ़े इडी के हत्थे
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। सेना की जमीन फर्जीवाड़ा मामले में रांची के पूर्व डीसी आइएएस छवि रंजन (वर्तमान में कल्याण विभाग के निदेशक) को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले अधिकारियों ने उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में छवि रंजन अपने पर लगे सारे आरोपों को नीचे के अधिकारियों और कर्मचारियों पर डालते रहे। इडी के अधिकारी उनके अधिकांश जवाबों से संतुष्ट नहीं हुए और अंतत: उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था:
सेना की कब्जे वाली जमीन समेत चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद-बिक्री मामले में इडी ने आइएएस छवि रंजन से गुरुवार को दूसरी बार पूछताछ की। दस घंटे की पूछताछ में छवि रंजन के पसीने छूट गये। इडी के कई सवालों का वह संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे पाये। वह कई सवालों में उलझे। पूछताछ में छवि रंजन सभी आरोपों को गलत बता कर सारा दोष अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर मढ़ते रहे। गौरलतब है कि छवि रंजन को दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इससे पहले उनसे 24 अप्रैल को पूछताछ की गयी थी।
इडी को मिले थे अहम सुराग:
गौरतलब है कि इडी ने सेना जमीन घोटाला मामले में 13 अप्रैल को झारखंड, बिहार और बंगाल में 22 जगहों पर एक साथ छापेमारी की थी। इसमें आइएएस छवि रंजन सहित बड़गाई अंचलकर्मी भानु प्रताप और अन्य जमीन दलाल शामिल थे। भानु प्रताप के घर से बक्से भर कर जमीन से जुड़े कागजात मिले। सूत्रों की मानें तो इडी को कई अहम जानकारी मिली। उसके आधार पर अंचलकर्मी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया। इन सभी से पूछताछ में छवि रंजन की संलिप्तता सामने आयी। साथ ही छवि रंजन ने मौखिक रूप से तत्कालीन सब रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुवा को उस जमीन की रजिस्ट्री कोलकाता के जगतबंधु टी इस्टेट प्रा. लि. के निदेशक दिलीप कुमार घोष के नाम करने का निर्देश दिया। सब रजिस्ट्रार ने खुद को बचाने के लिए निबंधन के दौरान सेल डीड पर लिख दिया कि उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी को संबोधित अंचल अधिकारी बड़गाईं, रांची के ज्ञापांक 847, दिनांक 25 सितंबर 2021 के आलोक में निबंधन की स्वीकृति दी जाती है। यह टिप्पणी छवि रंजन के लिए भारी पड़ी।
संपत्ति का ब्योरा लेकर पहुंचे थे छवि रंजन:
इडी ने छवि रंजन को अपने और अपने परिवार की संपत्ति का ब्योरा लेकर आने के लिए कहा था। सूत्रों के मुताबिक वह सभी कागजात लेकर इडी कार्यालय पहुंचे थे। पूछताछ में उनसे सेना की जमीन, चेशायर होम जमीन समेत अन्य भूखंडों के बारे में दिये गये निर्णय पर सवाल किये गये। इडी ने गिरफ्तार अंचल कर्मी भानु और अफसर अली खान के बायन और प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर सवालों की लंबी सूची तैयार कर रखी थी। सूत्रों के मुताबिक छवि रंजन से जब एक-एक कर सवाल पूछा जाने लगा तो वह कई बार जवाब नहीं दे पाये।
गिरफ्तार आरोपियों के अलावा कई अन्य रडार पर:
सेना की 4.55 एकड़ जमीन फर्जीवाड़ा मामले में लगातार इडी आगे बढ़ रही है। जमीन का फर्जी कागजात तैयार करने में बंगाल से लिंक जुड़ने के बाद इडी ने कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार आॅफ इंश्योरेंस त्रिदीप मिश्रा से 2 मई को पूछताछ की थी। इससे एक दिन पहले रांची के सब रजिस्ट्रार वैभवमणि त्रिपाठी से पूछताछ की। इडी ने कोलकाता के जगत बंधु टी स्टेट के दिलीप घोष समेत चार लोगों को समन जारी किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इडी ने 8 मई को राजेश राय, भरत प्रसाद और लखन सिंह को इडी कार्यालय बुलाया है। वहीं, दिलीप घोष को 10 मई को बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक राजेश राय ने सबसे पहले विवादित चेशायर होम वाली जमीन की रजिस्ट्री करवायी थी। वहीं लखन प्रसाद और भरत प्रसाद दोनों ही रांची में जमीन कारोबार से जुड़े हैं। चेशायर होम जमीन की दलाली के एवज में इन्हें अच्छी रकम मिली थी।

 

 

 

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