भुवनेश्वर | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को मयुरभंज जिले के हाटबादडा स्थित ब्रह्मकुमारी केन्द्र में नशा मुक्त ओडिशा अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जब लोग नशे की लत के दुष्परिणाम के बारे में अवगत होंगे, तब वे नशे की लत से मुक्त हो पाएंगे।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि नशा एक व्याधि है। नशा एक सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक व मानसिक शाप है। नशा सेवन करने के कारण समाज व परिवार में विवाद व तनाव उत्पन्न होते हैं। इसलिए नशा से दुष्परिणाम के बारे में लोगों को जागरूक कराना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशा के बारे में लोगों को अवगत कराना व जागरूक करना पुण्य़ का कार्य है। राष्ट्रपति ने ब्रह्मकुमारी केन्द्र द्वारा आध्यात्मिकता का जागरण कर स्वस्थ समाज के गठन के दिशा में प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने नशा मुक्त अभियान के सफलता की कामना की है।

इससे पहले राष्ट्रपति ने पहाडपुर गांव में श्यामचरण मुर्मू के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। इस गांव में उन्होंने एक स्किल ट्रेनिंग हब व कम्युनिटी सेंटर का शिलान्यास करने के साथ-साथ लोगों के साथ बातचीत की। इससे पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी जन्मभूमि मयुरभंज जिले में पहुंची। वायुसेना के एक विशेष हेलीकॉप्टर से वह राइरंगपुर के बादामपहाड स्थित अस्थाय़ी हैलीपेड पर उतरी। राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल, केन्द्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु, राइरंगपुर के विधायक नव चरण माझी, सारसकणा के विधायक डॉ. बुधान मुर्मू ने उनका स्वागत किया।

राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू का यह पहला मयुरभंज दौरा होने के कारण लोगों में खासा उत्साह देखा गया। राष्ट्रपति की झलक पाने के लिए बादामपहाड हैलिपैड के पास लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। उन्होंने हैलीपेड से उतरकर उपस्थित लोगों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया। यहां राष्ट्रपति का पारंपारिक वाद्य व नृत्य से स्वागत किया गया।

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