दिल्ली। लोकसभा चुनावों के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले अरविंदर सिंह लवली अब भाजपा में शामिल हो गये हैं। वह आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर नाराज चल रहे थे। अरविंदर सिंह लवली शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उनको पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया था।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में अरविंदर सिंह लवली भाजपा में शामिल हुये। लवली के साथ पूर्व कांग्रेस विधायक राज कुमार चौहान, नसीब सिंह और नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक भी भाजपा में शामिल हुये। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में सामने आया है जब दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर छठे चरण के दौरान 25 मई को मतदान होना है।

हाल ही में लवली ने दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसकी एक वजह AAP से गठबंधन का होना भी है। अरविंदर सिंह लवली ने पद छोड़ने के बाद अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी और पार्टी आलाकमान ने राष्ट्रीय राजधानी के नेताओं की बात नहीं सुनी और AAP से गठबंधन को मंजूरी प्रदान कर दी। उन्होंने कांग्रेस की दिल्ली यूनिट में चल रही खींचतान के लिये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया का भी नाम लिया था।

अरविंदर सिंह लवली ने अपने त्यागपत्र में उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार और उत्तर पश्चिम दिल्ली से उदित राज को टिकट दिये जाने की आलोचना की थी और कहा कि ये दिल्ली कांग्रेस के लिये अजनबी हैं। उन्होंने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने इस्तीफे में कहा था कि वह खुद को लाचार महसूस कर रहे थे क्योंकि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं के सर्वसम्मति से लिये गये सभी फैसलों को दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया रोक देते थे।

लवली ने अपने इस्तीफे में कहा था कि दिल्ली कांग्रेस इकाई AAP से गठबंधन के खिलाफ थी। जिस आम आदमी पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री वर्तमान में जेल में हैं, उका गठन कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर किया गया था। फिर भी कांग्रेस ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया। यही नहीं दो ऐसे नेताओं (कन्हैया कुमार और उदित राज) को टिकट दिये गये जो कांग्रेस की नीतियों से अनजान हैं।

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