-कुओं और चुओं का दूषित पानी पीने का विवश हैं सैकड़ों गांवों के लोग
खूंटी। राज्य सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही से केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल जल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। सोलर वाटर सप्लाई के लिए गांव-गांव में जलमीनार तो बना दिये गये, कई घरों तक पाइप भी बिछा दी गई लेकिन जलापूर्ति नहीं होने से यह योजना बेकार साबित हो रही है। नतीजन सैकड़ों गांवों के लोग अब भी चुआं और कुओं का दूषित पानी पीने को विवश हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए तो हाहाकार की स्थिति ऐसी है कि तड़के तीन बजे से ही लोगों की भीड़ चापानलों और कुओं से पानी लेने के लिए जमा हो जाती है। पहले तो स्नान करने और कपड़े आदि धोने के लिए नदी जाते थे लेकिन बालू के अंधाधुंध उत्खनन से खूंटी जिले की तमाम नदियां सूख चुकी हैं। ऐसे में आदमी तो क्या, पशु-पक्षियों को भी पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
एक लाख 19 हजार घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य
खूंटी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के एक लाख 18 हजार 881 घरों में 2024 तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने 19 जुलाई, 2022 को इसकी घोषणा खूंटी परिसदन में पत्रकारों के साथ बातचीत में की थी लेकिन जिस गति से योजना पर काम हो रहा है, उससे इस बात की संभावना कम ही नजर आती है कि इस वर्ष यह योजना पूरी हो जायेगी। अब तक 30 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो सका है।
केंद्र की योजनाओं को लटकाना चाहती है राज्य सरकार: विधायक
जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल जल योजना में विलंब के संबंध में तोरपा के भाजपा विधायक कोचे मुंडा कहते हैं कि न सिर्फ नल जल योजना, बल्कि केंद्र की तमाम विकास योजनाओं को राज्य सरकार लटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की कमी को दूर करने और हर व्यक्ति को स्वच्छ पानी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजना की शुरूआत की थी। यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके लिए केंद सरकार ने राशि भी उपलब्ध करा दी है लेकिन राज्य सरकार चाहती ही नहीं है कि केंद्र की योजनाएं समय पर पूरी हों।