विशेष
भाजपा की तरफ से केंद्रीय नेताओं का झारखंड में धुआंधार प्रचार अभियान
मोदी आज दूसरी बार झारखंड आ रहे हैं, अमित शाह और राजनाथ सिंह भी कूदे प्रचार अभियान में
कांग्रेस के बड़े नेताओं में सिर्फ राहुल गांधी की ही दो जगह सभा हुई है
चंपाई और कल्पना झामुमो के साथ-साथ इंडी प्रत्याशियों का बढ़ा रहे हैं मनोबल
झारखंड में पहले और लोकसभा के चौथे चरण का चुनाव प्रचार अभियान अब खत्म होने की कगार पर है। 11 मई को राज्य की चार सुरक्षित सीटों पर चुनाव प्रचार खत्म हो जायेगा, जबकि बाकी 10 सीटों के लिए यह अभियान लगातार जारी है। इस बार चुनाव प्रचार अभियान की एक खास बात यह है कि इस बार सत्ता के दोनों प्रमुख दावेदारों, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इनक्लूसिव अलायंस (इंडी अलायंस) के प्रचार अभियान की कोई बराबरी नहीं है। दूसरे शब्दों में कहें, तो झारखंड के अब तक के प्रचार अभियान में दोनों गठबंधनों के बीच कोई तुलना नहीं है। एक तरफ एनडीए है, जिसके लगभग सभी बड़े राष्टÑीय नेता हर दिन झारखंड के किसी न किसी संसदीय क्षेत्र में चुनावी सभाएं कर रहे हैं, तो दूसरी ओर इंडी अलायंस की तरफ से अब तक बड़े केंद्रीय नेताओं में केवल राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ही झारखंड आये हैं। हालांकि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन प्रत्याशियों के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं। जिन चार संसदीय सीटों पर 13 मई को मतदान होना है, उनमें से राहुल गांधी ने दो पर और तेजस्वी ने एक सीट पर प्रचार किया है, जबकि भाजपा के लिए पीएम मोदी के साथ अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा और छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश और राजस्थान के सीएम और बिहार के बड़े नेता सभाएं कर चुके हैं। इन दोनों गठबंधनों के प्रचार अभियान का यह अंतर ही यह बताने के लिए काफी है कि इस चुनाव को लेकर कौन अधिक गंभीर है। प्रत्याशियों की घोषणा से लेकर नामांकन दाखिल करने और चुनावी रैलियां करने तक में भाजपा ने अब तक बढ़त कायम कर रखी है। कैसा चल रहा है झारखंड में चुनाव प्रचार और क्या हो सकता है इसका संभावित असर, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
देश भर में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का और झारखंड में पहले चरण का चुनाव प्रचार अभियान आज शाम को समाप्त हो जायेगा। झारखंड में पहले चरण में चार सीटों, खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा और पलामू में मतदान 13 मई को होगा। इसके बाद हजारीबाग, कोडरमा और चतरा सीट पर मतदान 20 मई को होगा। रांची, जमशेदपुर, गिरिडीह और धनबाद में 25 मई को वोट डाले जायेंगे, जबकि दुमका, राजमहल और गोड्डा में 1 जून को मतदान होगा। इस तरह झारखंड की 10 सीटों के लिए प्रचार अभियान लगातार जारी रहेगा।
जहां तक चुनाव प्रचार अभियान की बात है, तो अब तक के प्रचार अभियान में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का पलड़ा बहुत भारी है। भाजपा के राष्टÑीय नेताओं ने जिस तरह झारखंड में प्रचार अभियान में हिस्सा लिया है और ले रहे हैं, वह यह बताने के लिए काफी है कि एनडीए का केंद्रीय नेतृत्व इस चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसके राष्टÑीय नेताओं के पास झारखंड के लिए समय ही नहीं है। अभी तक बड़े राष्टÑीय नेताओ में राहुल गांधी ही झारखंड का दौरा कर सके हैं। राहुल गांधी ने चाइबासा और लोहरदगा सीट पर प्रत्याशियों के पक्ष में सभा की है। प्रत्याशियों के नामांकन में भी कोई बड़ा नेता नहीं आया, जबकि भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शिरकत कर चुके हैं। प्रचार अभियान के लिए झारखंड में कांग्रेस पूरी तरह से झामुमो पर आश्रित हो गयी है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और कल्पना सोरेन लगातार झामुमो के साथ-साथ कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन से लेकर चुनावी सभाओं की कमान संभाले हुए हैं। कांग्रेस के राष्टÑीय नेताओं की कमी को वे दोनों दूर कर रहे हैं। हर दिन कहीं न कहीं ये दोनों सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। नामांकन से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक तक में ये दोनों नेता शिरकत कर रहे हैं।
प्रचार में भाजपा क्यों है आगे
झारखंड के चुनाव प्रचार में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जिन चार सीटों पर 13 मई को मतदान होना है, उनमें से तीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी रैलियां कर चुके हैं, जबकि खूंटी में अमित शाह की रैली हो चुकी है। इतना ही नहीं, इन सीटों पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री से लेकर बिहार के एनडीए नेताओं ने भी सभाएं की हैं। राज्य की दूसरी सीटों पर हर दिन एनडीए का कोई न कोई बड़ा नेता बाहर से आकर सभाएं कर रहा है। पीएम मोदी जहां झारखंड में तीन रैलियां करने के अलावा रात्रि विश्राम और रोड शो भी कर चुके हैं, वहीं भाजपा के हर प्रत्याशी के नामांकन दाखिल करने के मौके पर बड़ी सभाएं आयोजित की गयीं और केंद्रीय नेता उनमें शामिल हुए। अब पीएम मोदी एक बार फिर 11 मई को चतरा और 14 मई को गिरिडीह में जनसभा करने आ रहे हैं। इस बीच में 13 मई को पीएम मोदी का रांची में कार्यक्रम प्रस्तावित है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी चुनावी दौरे पर झारखंड आ चुके हैं, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मनोहरपुर, कुरडेग और चैनपुर में जनसभाएं कर चुके हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी और जदयू-आजसू के दूसरे बड़े नेताओं का कार्यक्रम भी झारखंड में लगातार हो रहा है।
इससे पहले भी झारखंड में प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने के मौके पर भाजपा ने जिस तरह की सभाएं आयोजित की, उससे तो यही लगा कि वह इस चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ रही। हर संसदीय सीट पर नामांकन दाखिल करने के मौके पर भाजपा के केंद्रीय स्तर के बड़े नेता न केवल मौजूद रहे, बल्कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिये।
कांग्रेस अब तक पीछे
जहां तक कांग्रेस के प्रचार अभियान की बात है, तो अब तक यह पूरी तरह मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और कल्पना सोरेन पर ही आश्रित है। कांग्रेस की ओर से सिर्फ राहुल गांधी ने लोहरदगा और सिंहभूम सीट पर सभाएं की हैं, जबकि तेजस्वी यादव ने पलामू में दो चुनावी सभा को संबोधित किया है। इनके अलावा झामुमो की तरफ से मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने प्रचार की कमान संभाल रखी है। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि झामुमो झारखंड के साथ-साथ ओड़िशा में भी चुनाव लड़ रहा है और वहां भी मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और कल्पना सोरेन को जाना पड़ रहा है। कल्पना सोरेन खुद भी गांडेय से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रही हैं। गांडेय के लिए भी उन्हें समय देना पड़ रहा है। सीएम चंपाई सोरेन ने हालांकि पूरी ताकत झोंक रखी है, लेकिन उनके पास दूसरी व्यस्तताएं भी हैं। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के अलावा कोई भी बड़ा केंद्रीय नेता अब तक झारखंड नहीं आया है। राजद कीतरफ से इसके केंद्रीय महासचिव संजय सिंह यादव जरूर पलामू आये हैं, लेकिन वह झारखंड के ही हैं।
हालांकि पांचवें एवं छठे चरण के चुनाव में कांग्रेस और राजद के स्टार प्रचारकों का झारखंड में कार्यक्रम तय किया जा रहा है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और धनबाद में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। वहीं 20 मई के बाद प्रियंका गांधी पार्टी की दो महिला प्रत्याशियों, धनबाद से अनुपमा सिंह और रांची से यशस्विनी सहाय के लिए चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगी। इसके अलावा 13 मई के बाद तेजस्वी यादव एक या दो दिन में झारखंड में तीन से चार चुनावी सभाओं को संबोधित कर सकते हैं। कोडरमा में यादव, मुस्लिम और ओबीसी मतदाताओं की संख्या को देखते हुए वहां पर तेजस्वी यादव सभाएं करेंगे।
लेकिन अब तक के प्रचार अभियान में भाजपा बहुत आगे नजर आ रही है। हर दिन झारखंड की किसी न किसी सीट पर उसके नेता चुनावी सभाएं कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ इंडी अलायंस की तरफ से रैलियों को छोड़ कर डोर टू डोर संपर्क पर फोकस किया जा रहा है। प्रचार अभियान का यह अंतर चुनाव परिणाम पर कुछ न कुछ असर तो जरूर डालेगा, क्योंकि इसका मतदाताओं पर गहरा असर पड़ता है।