रांची। दुमका में स्पेनिश महिला के साथ गैंग रेप और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज एमवाइ इकबाल के रांची स्थित जमीन की चहारदीवारी तोड़कर जमीन पर कब्जे की कोशिश मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई गुरुवार को हुई। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य में जमीन कब्जा, महिला अपराध और रंगदारी के मामलों में लगातार लिप्त रहने वाले आरोपियों की जमानत रद्द करने को लेकर क्या कार्रवाई हुई है। इस संबंध में कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।

कोर्ट ने सरकार को एक चार्ट तैयार करने को कहा है, जिसमें आरोपियों की पहचान से संबंधित डाटा रहे, ताकि वह अगर दूसरी बार भी वे अपराध करते हुए पकड़े जायें, तो उनकी पहचान आसानी से हो सके। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पिछले 6 माह से झारखंड में भू माफियाओं द्वारा जमीन कब्जे, महिलाओं के खिलाफ अपराध-रंगदारी मांगने की घटना को लेकर दर्ज मामले में का डाटा एक होने का कारण यह है कि वही अपराधी बार-बार ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।

सरकार का डाटा गलत नहीं है। सरकार की ओर से रांची में पिछले छह माह में उक्त तीनों मामलों में क्राइम का डाटा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वहीं बताया गया कि राज्य के अन्य जिलों के भू माफियाओ द्वारा जमीन कब्जे, महिलाओं के खिलाफ अपराध और रंगदारी का डाटा अभी अपडेट नहीं आ पाया है। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई में सभी जिलों में पिछले छह माह में भू माफियाओं द्वारा जमीन कब्जे, महिलाओं के खिलाफ अपराध और रंगदारी मांगने की घटना को लेकर दर्ज केस के बारे में जानकारी मांगी है। मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद और अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने पैरवी की।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version