कोडरमा के इंडी गठबंधन के प्रत्याशी बिनोद सिंह के नामांकन में शामिल होने गिरिडीह पहुंचे मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपाकर भट्टाचार्य का जनसभा बुधवार को पपरावाटांड फुटबॉल मैदान में हुआ. इस दौरान जनसभा में सीएम के साथ गांडेय प्रत्याशी कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद, कोडरमा प्रत्याशी बिनोद सिंह, आरजेडी नेता गौतम सागर राणा के साथ गिरिडीह इंडी गठबंधन के नेता सतीश केडिया, धनंजय सिंह, राजेश यादव, राजेश सिन्हा, कृष्ण मुरारी शर्मा समेत कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.

इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम चम्पाई सोरेन ने कहा की देश में झारखंड का पहचान खनिजों वाले प्रदेश के रूप में जाना जाता है. लेकिन मोदी सरकार ने श्रम कानून में बदलाव कर इस राज्य की परिभाषा ही बदल दिया है. सीएम सोरेन ने कहा की हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद वो खुद भी प्रयास में रहे की हेमंत सोरेन की हर योजना सही से लागू रहे. ग्रामीणों को उसका फायदा मिलता रहे. और अब अबुआ आवास योजना को लेकर वो खुद भी सक्रिय है. गांव-गांव तक आबुआ आवास योजना को पहुंचाने का लक्ष्य है. और इस दिशा में राज्य सरकार तेजी से काम भी कर रही हैं,

इधर जनसभा को संबोधित करते हुए माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने 2024 के चुनाव को देश की सबसे बड़ी लड़ाई बताते हुए कहा की हर हाल में इंडी गठबंधन को इस लड़ाई को जितना है. क्योंकि मोदी सरकार के आने के बाद देश का हाल भयावह होना तय है. राष्ट्रीय महासचिव दीपाकर भट्टाचार्य ने कहा की मोदी सरकार में अब चुनाव आयोग भी भयभीत दिख रहा है जिसका उदाहरण है सूरत में एक कांग्रेस प्रत्याशी ‌द्वारा खुद का नामांकन रह हो जाना. और इसी तरह मध्य प्रदेश के एक और कांग्रेस प्रत्याशी ‌द्वारा खुद का नामांकन वापस लेना.

दीपाकर भट्टाचार्य ने कहा की पीएम मोदी बड़ी बड़ी बाते करते हैं लेकिन मणिपुर भूल जाते है. जो देश का सबसे बड़ा नारी सम्मान और महिला सशक्तिकरण के विनाश का उदाहरण है. माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपाकर ने मौके पर मोदी सरकार पर भड़ास निकाला और कहा की सूरत और मध्य प्रदेश जैसे मामले अभी चुनाव में आते रहेंगे, लेकिन भाजपा को साउथ में हाफ और नाथ में साफ करने के फार्मूले पर हड़ी गठबंधन को काम करना होगा, तभी देश को बचाने वाले इस लड़ाई को जितना होगा, इधर जनसभा को कई नेताओं ने संबोधित किया.

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