रांची। लोकसभा चुनाव में जेएमएम में बागियों की संख्या बढ़ी है। सीता सोरेन, चमरा लिंडा, लोबिन हेंब्रम की घोषणा के बाद चौथे बागी के रूप में पूर्व विधायक बसंत कुमार लोंगा सामने आये हैं, जो इंडी गठबंधन को ताक पर रख कर खूंटी लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इंडी गठबंधन के तहत खूंटी लोकसभा कांग्रेस के हिस्से में हैं। कांग्रेस ने यहां से कालीचरण मुंडा को उम्मीदवार बनाया है। कालीचरण मुंडा के नामांकन में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भी शामिल हुए थे। गठबंधन को दरकिनार कर चुनाव लड़ रहे बसंत कुमार लोंगा पर जेएमएम ने कार्रवाई की है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय के हस्ताक्षर से जारी पत्र में पूर्व विधायक बसंत लोंगा को सभी पदों से पदमुक्त करने के साथ ही प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है।

बसंत लोंगा 1995 में सबसे कम उम्र में बने थे विधायक
बसंत कुमार लोंगा वर्ष 1995 से 2000 तक कोलेबिरा से जेएमएम के विधायक रह चुके हैं। सबसे कम उम्र में विधायक बनने पर वह चर्चा में आ गये थे। वर्तमान में जेएमएम केंद्रीय समिति के सदस्य हैं। इतना ही नहीं वर्ष 2002 से लेकर 2014 तक सबसे लंबे समय तक वह सिमडेगा जेएमएम जिला समिति के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। वर्ष 2014 में वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, पर पार्टी ने टिकट नहीं दिया और गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में यह सीट चली गयी। तब श्री लोंगा जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़े। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली। चार महीने बाद वह पुन: जेएमएम में शामिल हो गये। अभी जेएमएम केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में वह लगातार सक्रिय थे।

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