रातू रोड रवि स्टील एरिया में सुबह 9 बजे से पावर कटा रहा
रांची। पूरे सूबे में प्रचंड गर्मी से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। आसमान से आग बरस रही है। ऊपर से अनचाही बिजली कटौती ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। रांची सहित पूरे राज्य में भयंकर बिजली कटौती और पावर कट का सिलसिला जारी है। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी रांची में कब बिजली रहेगी, कब कट जायेगी, यह कहा नहीं जा सकता है। गर्मी का साइड इफेक्ट का सबसे बड़ा असर देशभर में पानी आधारित हाइडल पावर प्रोजेक्ट पर पड़ा है। पानी आधारित नेशनल हाइडल पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) से बिजली उत्पादन में कमी आयी है। इसका कारण नदी और अन्य सरफेस वाटर स्रोत में पानी की कमी हो जाना है। इसका असर झारखंड में भी पड़ रहा है। एनएचपीसी से झारखंड को करीब एक हजार मेगावट तक बिजली मिलती है। मगर अभी झारखंड को 300 से 350 मेगावाट तक बिजली कम मिल रही है। इसके अतिरिक्त अन्य स्रोत से 50 से 100 मेगावाट तक बिजली की कमी दर्ज की जा रही है। पूरे राज्य में करीब 400 मेगावाट बिजली की कमी दर्ज की जा रही है। इसके कारण रांची सहित पूरे राज्य में जम कर बिजली कटौती की जा रही है।
पीटीसी से 10 रुपये यूनिट महंगी दर पर बिजली खरीदने की तैयारी
हालात की गंभीरता को देखते हुए अब जेबीवीएनएल पीटीसी (पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन) से बिजली लेने की तैयारी कर रहा है। अगर दो दिनों के अंदर मौसम सामान्य नहीं हुआ तो जेबीवीएनएल 10 रुपये प्रति यूनिट महंगी दर पर बिजली खरीद कर हालात को सामान्य करने की तैयारी में है। औसतन जेबीवीएनएल पांच से छह रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदती है।
डीवीसी भी संभाल नहीं पा रहा अपना कमांड एरिया
हमेशा बकाये के बोझ तले दबे होने के कारण डीवीसी अपने कमांड एरिया को संभाल नहीं पा रहा है। धनबाद, बोकारो, रामगढ़, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा, हजारीबाग में डीवीसी ढाई सौ मेगावट की बिजली कटौती कर रहा है। इसके कारण कमांड एरिया में छह से सात घंटे तक पावर कट हो रहा है। ऊपर से लोकल फॉल्ट ने समस्या और बढ़ा दी है। डीवीसी अपने कमांड एरिया में करीब 800 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है, मगर फिलहाल ढाई सौ मेगावाट तक की कमी दर्ज की जा रही है। इसका सीधा असर बिजली आपूर्ति पर पड़ रहा है।
2500 मेगावाट तक पहुंच गयी है बिजली की डिमांड
सामान्य दिनों में झारखंड की बिजली खपत 1900 से 2000 मेगावाट तक रहती है। मगर अभी पीक गर्मी में डिमांड बढ़ कर यह 2500 मेगावाट तक बढ़ गयी है। ऊपर से बिजली की कमी। ऐसे में राज्य में बिजली संकट बढ़ गया है। हालात से निपटने के लिए जेबीवीएनएल तैयारी में जुट गया है। एक से दो दिनों के अंदर अतिरिक्त बिजली खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है। पीटीसी से वार्ता जारी है। हालात बिगड़ने पर अतिरिक्त बिजली की खरीदी की जायेगी।
रांची बिजली आपूर्ति सिस्टम अफसरों के कंट्रोल से हुआ बाहर
रांची में बिजली आपूर्ति सिस्टम बिजली अफसरों के कंट्रोल से बाहर हो चुका है। लोकल फॉल्ट ने पावर की समस्या बहुत अधिक बढ़ा दी है। कब बिजली रहेगी, कब जायेगी, इसका अता-पता नहीं। सुबह से जो पावर कट का सिलसिला शुरू होता है, वह देर रात तक जारी रहता है। किसी भी सब स्टेशन या लोकल सेक्टर कार्यालय में रात में न कोई इंजीनियर मौजूद होता है न ही आॅपरेशन-मेंटेनेंस गैंग। सब स्टेशन के जरिए ही पूरी व्यवस्था संचालित हो रही है।
बीते 24 घंटे में कहां रहा पावर कट
-बीती रात को मधुकम फीडर के तहत मिलन चौक में तार गिर गया। इसके कारण पावर कट होता रहा। इसके अतिरिक्त सुबह से लेकर शाम तक छोटे-छोटे लोकल फॉल्ट के कारण बिजली आती-जाती रही।
-कोकर चूना भठ्ठा इलाके में रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक पावर कट रहा। जानकारी के अनुसार, बड़ा लोकल फॉल्ट हुआ था।
-दीपाटोली इलाके में भी सुबह से पावर आने-जाने का सिलसिला जारी रहा।
-रातू रोड रवि स्टील एरिया में सुबह 9 बजे से पावर कट रहा।
-कतारी बगान चुटिया में बीती रात एक से दो घंटे बिजली नहीं रही।
-दीपाटोली सुरेंद्र नाथ स्कूल के पीछे वाले मुहल्ले में पावर कट रातभर जारी रहा।
-अशोक विहार इलाके में पावर कट बीती रात जारी रहा
-बरियातू चेशायर होम रोड में बीती शाम से ही देर रात तक बिजली आती-जाती रही।