लपेटे में आ सकते हैं ग्रामीण विकास विभाग के दो पूर्व सचिव भी
मंत्री के दो रिश्तेदार और एक करीबी को समन करने की तैयारी
अजय शर्मा
रांची। ग्रामीण विकास विभाग में ठेका आवंटित करने के एवज में कमीशन वसूलने के खेल में राज्य सरकार के दो अन्य आइएएस अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं। ये दोनों अधिकारी ग्रामीण विकास विभाग में पहले सचिव रह चुके हैं। रिमांड पर लिये गये सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने इन दो अधिकारियों के नाम लिये हैं। साथ ही राज्य प्रशासनिक सेवा के चार अधिकारी भी इडी की रडार पर आ सकते हैं। इडी के अधिकारी मंत्री के बयान की समीक्षा कर रहे हैं। वर्ष 2019 के बाद ग्रामीण विकास विभाग में कितना ठेका-टेंडर हुआ है, इसकी सूची विभाग से मांगी गयी है। साथ ही इडी ने सरकार से ग्रामीण विकास में वर्ष 2019 से 2024 तक कितने अधिकारी पदस्थापित हुए, इसकी सूची मांगी है। मंत्री ने इडी के अधिकारियों को बता दिया था कि किस तरह से ठेका-टेंडर का आवंटन होता है। मंत्री और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति का पता लगाया जा रहा है। मंत्री के दो रिश्तेदारों को जल्द इडी समन कर सकती है। संथाल इलाके का एक करीबी मो हाशिम को भी नोटिस भेजा जा सकता है। चार साल में उसकी संपत्ति में कई गुना वृद्धि हुई है। 3 जून को फिलहाल पूर्व सचिव मनीष रंजन से पूछताछ होगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। टेंडर कमीशनखोरी में विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, उनके ओएसडी संजीव लाल, नौकर जहांगीर आलम, मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम सहित अन्य की गिरफ्तारी हो चुकी है। नौकर के यहां से करीब 34 करोड़ रुपये कैश मिले थे। दो डायरी भी बरामद हुई थी। प्रोजेक्ट भवन के ओएसडी के कार्यालय से कई सिफारिशी पत्र बरामद हुए हैं। उनकी जांच अलग से की जा रही है।
मंत्री आलमगीर आलम ने अधिकारियों के नाम लिये, बयान की समीक्षा कर रही इडी
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