-आलम के मुद्दे पर कांग्रेस खामोश क्यों
रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने गुरुवार को कांग्रेस पर पलटवार किया। कांग्रेस के प्रवक्ता ने यह स्पष्ट क्यों नहीं किया कि 2007 में उनकी यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट कर रामलला को काल्पनिक पात्र और रामायण को काल्पनिक ग्रंथ क्यों बताया था। उसके बाद राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का भी उन्होंने बहिष्कार किया था। ये राम विरोधी लोग हैं और जनता इन रामद्रोहियों को सबक सिखायेगी।
कहा कि इडी ने हेमंत सोरेन की जमानत के मुद्दे पर जो पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है, उससे बहुत चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। ऐसा लगता है कि झारखंड में समय थम सा गया है। मुगल विदा हो गये, लेकिन यहां मुगलिया सल्तनत अभी भी जारी है।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जिस आदिवासी-मूलवासी को इन्होंने सत्ता में भागीदारी का वादा किया था, उसी की गाढ़ी कमाई को पूर्ववर्ती सरकार डकार गयी। मौजूदा सरकार में भी इस कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। इडी की पिटीशन के प्वाइंट 54 में इस पूरे प्रकरण का जिक्र है जिसका डिजिटल एविडेंस भी उपलब्ध है। कहा कि इडी ने सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन के मामले में दिये पिटीशन के प्वाइंट 51 में स्पष्ट उल्लेख है कि सिर्फ ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर में कमीशन का 3000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इसके तार सीधे तौर पर आलमगीर आलम से जुड़े हैं। इन सब बातों पर झामुमो और कांग्रेस खामोश है।