-पैसा किसी और का, हम कलेक्टर, जहांगीर केयर टेकर
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। अब राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम और ग्रामीण विकास विभाग के कम से कम तीन सचिव स्तर के आइएएस की परेशानी बढ़ने वाली है। मंत्री के ओएसडी इडी की रिमांड पर चल रहे संजीव लाल ने अंतत: अपना मुंह खोल दिया है। इडी को दिये बयान में अधिकारी ने माना है कि वह केवल कमीशन कलेक्टर था और जहांगीर आलम पैसों का केयर टेकर। गुरुवार को दिन भर हुई पूछताछ में ग्रामीण विकास विभाग के कमीशन के पूरे नेटवर्क का खुलासा उसने कर दिया है। साथ ही उन अधिकारियों के नाम भी बता दिये हैं, जिन्हें कमीशन का पैसा जाता था। बरामद पैसा किसका है इसके बारे में भी पूरी जानकारी दी है। विभाग के करीब आधा दर्जन ठेकेदारों और अभियंताओं के नाम भी ओएसडी ने बताया है। इनमें राजीव कुमार सिंह और मुन्ना सिंह का नाम प्रमुख है। चार अभियंताओं का नाम भी लिया है। संजीव लाल को मंत्री ने यह जवाबदेही दी थी कि कोई भी टेंडर बिना पैसे के आवंटित नहीं होगा। पैसा के लिए ठेकेदारों को फोन किया जाता था। कमीशन की पूरी राशि एयरबैग में भरकर लायी जाती थी। एयरबैग में ही ठेकेदार के नाम की पर्ची रहती थी। जिसे संजीव लाल पढ़ने के बाद फाड़ देता था और नोटों से भरा बैग नौकर जहांगीर आलम को फ्लैट तक पहुंचाने के लिए दे दिया जाता था। पूछताछ के समय जहांगीर आलम को संजीव लाल से आमना-सामना किया गया। इडी इन दोनों की चल-अचल संपत्तियों की विस्तृत जानकारी मांगी है।

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