काठमांडू। नेपाल के विदेश मंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने विश्वास व्यक्त किया है कि कूटनीतिक वार्ता के जरिये ही भारत के साथ चली आ रही समस्याओं का समाधान हो सकता है। कूटनीतिक संवाद के जरिए हल होने वाली समस्याओं का दूसरा या तीसरा विकल्प नहीं ढूंढ़ा जाना चाहिए।

नेपाल-भारत संबंधों पर नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित सेमिनार में विदेश मंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कहा कि सदियों से रहे संबंध को छोटी-मोटी सीमा समस्या के कारण नहीं बिगड़ा जा सकता। दोनों देशों के संबंध प्रकृति द्वारा संरक्षित, सांस्कृतिक एकता से सिंचित, व्यापक, बहुआयामिक तथा अतुलनीय है।

विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच कुछ समस्याएं हैं, जो अभी की नहीं है बल्कि इतिहास से चलती आ रही है। इन समस्याओं के लिए न तो वर्तमान भारत सरकार और न ही नेपाल सरकार जिम्मेदार है। इतिहास की इन समस्याओं का समाधान कूटनीतिक संवाद के जरिए किए जाने की बात विदेश मंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक माध्यम से इन समस्याओं का समाधान कर संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाने की आवश्यकता है।

विदेश मंत्री ने कहा कि द्विदेशीय सम्बन्ध सार्वभौम समानता, शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व, सद्भावना, पारस्परिक विश्वास और समझदारी पर आधारित होने के कारण इसको और अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। दोनों देशों के बीच निरन्तर होने वाले उच्चस्तरीय भ्रमण, इन संबंधों को और ऊंचाई प्रदान करते हैं।

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