गुमला। इंसानों में भाई-बहन के रिश्ते तो आपने खूब सुने होंगे। यहां हम दो गांव के आपस में भाई-बहन होने की सच्चाई सुना रहे हैं। इसलिए इनके बाशिंदे आपस में वैवाहिक रिश्ते नहीं बनाते। एक-दूसरे के गांव आना-जाना भी नहीं करते हैं। ताकि कहीं संबंध विकसित न हो जाय। सचमुच। यह अनोखे सामाजिक करतब का पात्र बने दो गांव की कहानी है। ये दोनों गांव झारखंड के गुमला जिले में हैं। इनके नाम आर्या और चुंदरी हैं।

भाई-बहन के रिश्ते बने 112 साल हो गए। अगली पीढ़ी भी इसे निभाने के लिए बेताब है। रिश्ता बनाया है तो निभा भी रहे हैं। इसे निभाने के लिए इनमें से हर गांव के लोग दूसरे गांव को निमंत्रण देकर बुलाते हैं। गांव के सभी बच्चे-बुजुर्ग, महिला-पुरुष सबको एकसाथ बुलाया जाता है। जमकर खातिरदारी की जाती है। फिर 12 साल बाद दूसरे गांव के लोग पहले गांव जाते हैं। हर 12 साल पर यह सिलसिला चलता रहता है। यह मत समझ लीजिएगा कि दो गांव के बीच भाई-बहन का यह रिश्ता किसी दो परिवार।।या किसी खास समुदाय का है। आर्या और चुंदरी गांव के हर जाति-धर्म के लोग इस रिश्ते को निभाते हैं। सामाजिक और आर्थिक समानता का भी खासा खयाल रखा जाता है। 12 साल तक बुलावे का इंतजार रहता है। उस समय सभी एकसाथ पैदल ही जाते हैं। ताकि कहीं से भी ऊंच-नीच का भाव पैदा नहीं हो।

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