शमशेरगंज। वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुर्शिदाबाद में हुई अशांति के दौरान पीड़ित परिवारों से मिलने का वादा निभाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को शमशेरगंज पहुंचीं। यहां उन्होंने हिंसा से प्रभावित परिवारों की समस्याएं सुनीं और प्रशासनिक अधिकारियों से उन्हें सहायता पहुंचाने पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह हेलीकॉप्टर से बहरमपुर पहुंचीं और वहां से शमशेरगंज बीडीओ कार्यालय तक पैदल मार्च किया। रास्ते में लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। ब्लॉक कार्यालय में मुख्यमंत्री ने हिंसा में प्रभावित परिवारों से व्यक्तिगत रूप से भेंट की। इस दौरान राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार और मुख्य सचिव मनोज पंत भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने हर परिवार की समस्या को ध्यान से सुना और भरोसा दिलाया कि उन्हें हरसंभव सहायता दी जाएगी।

गौरतलब है कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बीते महीने शमशेरगंज, सुती और धुलियान में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाएं हुई थीं, जिसमें हरगोविंद दास और चंदन दास की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि स्थिति सामान्य होने पर वह मुर्शिदाबाद जाकर पीड़ितों से मिलेंगी।

हालांकि मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक एक दिन पहले मृतकों के परिजनों को कोलकाता भेज दिया गया। मुख्यमंत्री ने इसका जिम्मेदार भारतीय जनता पार्टी को ठहराते हुए कहा कि वह दास परिवार से मिलना चाहती थीं, लेकिन वे अब क्षेत्र में मौजूद नहीं हैं, इसलिए भेंट संभव नहीं हो पाई। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने अन्य पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें राहत देने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।

शमशेरगंज के दौरे के बाद मुख्यमंत्री सुती रवाना हुईं, जहां छाबघाटी मैदान में उन्होंने एक प्रशासनिक बैठक की और कई नई परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कश्मीर में शहीद हुए नदिया के जवान झंटु अली शेख के परिवार और कासिमनगर की हिंसा में मारे गए एजाज अहमद के परिजनों से भी मुलाकात की।

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