रांची। जेपीएससी आयोग की ओर से 11 माह बाद लंबी संघर्ष के परिणामस्वरूप 20 मई को 11 वीं से 13 वीं सिविल सेवा परीक्षाफल प्रकाशन किया गया, परीक्षाफल प्रकाशन के बाद आयोग पर विवाद उत्पन्न हो गया है। जेएलकेएम केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ महतो ने जेपीएससी पर परीक्षाफल में मनमानी करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने संविधान के आर्टिकल 15 और 16 में एसटी, एससी, ओबीसी में प्रावधान आरक्षण से छेड़छाड़ किया है। रविवार को उन्होंने प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि जेपीएससी कार्यालय की ओर से जारी विज्ञापन संख्या 1/2024 में मुख्य परीक्षा परिणाम नियम 3 (ग) तथा झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियम 2023 मुख्य परीक्षा नियम 19(ख) का उल्लंघन किया गया है।

महतो ने आयोग की ओर से नियमावली उल्लंघन के साक्ष्य होने का दावा करते हुए कहा कि मुख्य परीक्षा परिणाम नियम 3(ग) तथा झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियम 2023 मुख्य परीक्षा नियम 19(ख) कहता है कि मुख्य परीक्षाफल से इंटरव्यू के लिए चयनित प्रथम सूची विज्ञापन में प्रावधान अनारक्षित कुल सीट का 2.5 गुना सूची तैयार किया जाएगा। साथ ही अंतिम अभ्यर्थी का प्राप्त अंक अनारक्षित श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स होगा और कट ऑफ मार्क्स से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले किसी भी प्रकार का आरक्षण का लाभ नहीं लेने वाले आरक्षित श्रेणी के एसटी, एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग सभी श्रेणी के आरक्षित अभ्यर्थी को शामिल किया जायेगा।

इसके अलावा विज्ञापन में प्रावधान के अनुसार सभी आरक्षित श्रेणी का कोटिवार प्रावधान सीट के अनुसार उसी कैटेगरी से 2.5 गुना अभ्यर्थियों को चयनित कर इंटरव्यू लेने का प्रावधान है, लेकिन आयोग ने नियम का पालन नहीं किया और बिना कट ऑफ मार्क्स और मार्कशीट के मुख्य परीक्षाफल प्रकाशन कर इंटरव्यू के तिथि की घोषणा कर दी।

उन्होंने यह भी दावा किया है कि जिस दिन कट ऑफ मार्क्स जारी होगा उस दिन और भी गड़बड़ी सामने आएगी। उन्होंने मांग किया है कि सरकार और आयोग संज्ञान में लेते हुए तत्काल आरक्षण और नियमावली का पालन करते हुए कोटिवार परीक्षाफल जारी करते हुए कट ऑफ मार्क्स जारी करें।

मांग नहीं सुनने पर देवेन्द्र नाथ महतो आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि अबुआ सरकार की आरक्षण और नियमावली से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगी।

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