रांची। झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने बताया कि राजभवन की ओर से सभी कुलपतियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रोफेसर समय पर उपस्थित रहें और नियमित कक्षाएं लें। इस व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी कुलपतियों को सौंपी गई है।

राज्यपाल ने यह भी जानकारी दी कि जेपीएससी को प्रोफेसर नियुक्ति के लिए पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के छात्रों की शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया, जिसमें छात्रों ने बताया था कि स्थायी प्रोफेसर नियमित क्लास नहीं लेते। इसके बाद राजभवन ने आदेश दिया कि शैक्षणिक कैलेंडर को सख्ती से लागू किया जाए। गंगवार ने बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 40 से 50 फीसदी तक शिक्षक पद खाली हैं। करीब 2,420 सहायक प्रोफेसर की भर्ती की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में आर्थिक विकास की बड़ी संभावनाएं हैं, लेकिन राज्य अभी भी इस दिशा में पीछे है। उन्होंने कहा, ह्लजब झारखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा, तभी सही मायनों में विकास माना जाएगा।ह्व उन्होंने देवघर के बाबाधाम को काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विकसित करने की बात कही और राज्य के पर्यटन स्थलों पर सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।

अपने कार्यशैली पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह जनसंपर्क को प्राथमिकता देते हैं और आम लोगों की समस्याएं सुनने के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं। यही वजह है कि लोग उन्हें ह्यपीपुल गवर्नरह्ण कहने लगे हैं। उन्होंने कहा कि वह दलीय राजनीति से दूर रहकर संवैधानिक दायित्वों का पालन कर रहे हैं और केंद्र तथा राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यपाल ने कहा कि, देश की जनता को ऐसे ही कड़े कदम की उम्मीद थी। भारत ने पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमला किया है, जो सराहनीय है। हमें अपने वीर जवानों के शौर्य पर गर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके थे कि आतंकियों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।ह्व उन्होंने आगे कहा, ह्लभारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन अगर कोई छेड़े तो हम छोड़ते नहीं। यह वीरों की भूमि है और हर नागरिक को आतंकवाद के खिलाफ सेना के साथ खड़ा रहना चाहिए।ह्व

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