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    Home»विशेष»‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने बदल दी है विश्व व्यवस्था
    विशेष

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने बदल दी है विश्व व्यवस्था

    shivam kumarBy shivam kumarMay 13, 2025No Comments15 Mins Read
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    विशेष
    भारतीय सेना ने मनवाया मॉडर्न वॉर फेयर में अपना लोहा
    पकिस्तान की परमाणु ब्लफ की नीति पड़ गयी उसी पर भारी
    भारत के एक ब्रम्होस ने हिला डाली, पाकिस्तान के परमाणु कमांड सेंटर की नीव
    पकड़ लिये डोनाल्ड ट्रंप के पैर, बोला भारत को शांत करो
    हमले में खुल गयी चीन और तुर्किए के हथियारों की पोल

    नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
    भारत और पाकिस्तान के बीच अघोषित युद्ध में पाकिस्तान को जो करारा झटका लगा है, वह उसे कभी भूल नहीं सकता। पाकिस्तान के साथ वह हो गया है, जिसकी उम्मीद उसने नहीं की थी। पाकिस्तान को ऐसा नुकसान हुआ है, जिसके बारे में वह बात नहीं कर सकता। कहते हैं न कुछ घाव ऐसे होते हैं जिसे दिखाया नहीं जा सकता। लेकिन छुपाये भी तो कैसे। पाकिस्तानी सेना और सरकार को भी पता है अगर उसकी हार का सबसे बड़ा कारण सामने आ जायेगा, जिसके लिए उसने भारत के सामने घुटने टेक दिये और ट्रंप के पैर पकड़ लिये तो पूरे पकिस्तान में अफरा-तफरी मच जायेगी। वहां के लोग आर्मी चीफ आसिफ मुनीर को बांध कर मारेंगे। तख्ता पलट तो निश्चित हो जायेगा। पाकिस्तान के परमाणु ब्लफ की बातें दुनिया के सामने आ गयी हैं। भारत ने जिस तरीके से उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, उससे अमेरिका भी सकते में आ गया। यह भी कारण रहा कि ट्रंप बीच में आये, नहीं तो पाकिस्तान सही में मिट्टी में मिल जाता। भारत ने अभी शुरूआत ही की थी कि इसके पहले ही पाकिस्तान ने घुटने टेक दिये और ट्रंप की गोद में जा बैठा। कहने लगा, माई-बाप, हमें भारत से बचा लो, नहीं तो हम साफ हो जायेंगे। माई-बाप, हमें कुछ भीख भी दे दो, हमारी हालत बहुत खराब है, हम भिखमंगे हैं। दया करो, माई-बाप। मुनीर ने पकिस्तान में झूठ फैलाया कि भारत-पाकिस्तान के अघोषित युद्ध में उसकी जीत हुई है। जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है। भारत-पाकिस्तान हमले में एक तरफ पाकिस्तान नंगा तो हो ही चुका है, अंधा भी हो चुका है। उसे अपनी नग्न अवस्था भी दिखाई पड़ रही है। वहां की सरकार और सेना को हार में भी जीत दिखाई पड़ रही है। अभी तो दुनिया के सामने पाकिस्तान की बर्बादी की असली कहानी सामने आनी बाकी है। यहां यह भी जानना जरूरी है कि भारत-पाकिस्तान तनाव में नुकसान सिर्फ पकिस्तान का नहीं हुआ है। नुकसान तो चीन का भी हुआ है। अमेरिका का भी हुआ है। इस जंग में पोल-पट्टी तो चीन, अमेरिका, तुर्किये की वॉर फेयर टेक्नोलॉजी की भी खुल चुकी है। इस अघोषित युद्ध में चीन के साथ-साथ अमेरिका और पूरा यूरोप दुखी है, क्योंकि भारत ऐसी शक्ति बन कर उभरा है, जिसकी उम्मीद शायद किसी ने नहीं की थी। शायद भारत की जनता को भी इतना भरोसा नहीं था कि आज का भारत इतना शक्तिशाली हो चुका है। भारत ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को सिर्फ पराजित ही नहीं किया है, बल्कि पुरे विश्व को अपनी ताकत से हिला दिया है। अगर कहा जाये कि भारत ने वर्ल्ड आर्डर का रिसेट कर दिया है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम का जो परिचय दिया, उसे दुनिया ने देखा। उसके पास रूस की एस 400 तो थी ही, उसका अपना मेड इन इंडिया आकाश एयर डिफेंस सिस्टम भी मौजूद था। जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, पाकिस्तान श्रीनगर से नलिया तक 26 स्थानों पर ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू जेट्स से हमले कर रहा था। इन हमलों में फतेह-1 मिसाइल, जेएफ-17, एफ-16 और डीजेआइ सैन्य ड्रोन का उपयोग किया गया। भारतीय आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हवाई खतरों को हवा में ही नष्ट कर पाकिस्तानी हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। आकाश भारत की स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने विकसित किया है। आकाश ने पाकिस्तान के हर मंसूबे को आकाश में ही निष्क्रिय कर दिया। अब दुनिया की नजर भारत के एयर डिफेंस इक्विपमेंट्स पर भी है, जिसने बड़े-बड़ों को हिला दिया है। भारत अपने हमलों के दौरान जिस तरह से पेश आया है, जिस मॉडर्न वारफेयर में अपनी टेक्नोलॉजी के उम्दा प्रदर्शन के बल पर पाकिस्तान को परास्त किया है, उसे घुटनों पर लाकर छोड़ा है, इससे उसका कद दुनिया में और भी मजबूत हुआ है। क्या है नापाक पाकिस्तान की असलियत और भारत ने हमले के दौरान उसको कितना गड्ढे में पहुंचाया है और किन कारणों से पकिस्तान अपने घुटनों पर आया, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवादाता राकेश सिंह।

    भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के 25 घंटे बाद रविवार शाम 6:30 बजे तीनों सेनाओं ने 1 घंटा 10 मिनट तक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें डायरेक्टर जनरल आॅफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी। जैसे ही इस प्रेस कांफ्रेंस की टाइमिंग का पता पाकिस्तान को चला तो उसने अपनी प्रेस कांफ्रेंस की टाइमिंग को पोस्टपोंड कर दिया, क्योंकि उसे पता था कि भारत हार्ड एविडेंस लेकर आयेगा जिसकी काट पकिस्तान के पास नहीं रहेगी। फिर पाकिस्तान को अपने लोगों और दुनिया के सामने मनगढ़ंत स्क्रिप्ट लिखनी पड़ेगी, झूठी कहानी गढ़नी होगी। पाकिस्तान थोड़े बतायेगा कि उसका कितना नुकसान हो चुका है। वह अब कितने गर्त में जा चुका है। वह तो अपनी शेखी बघारेगा। जनता के समक्ष कहेगा कि उसकी जीत हुई है। भले हमले के बीच वह आइएमएफ के सामने कटोरा लेकर गिड़गिड़ाने लगा। वैसे पाकिस्तान ने 1948 से लेकर 1965,1971, 1999 के युद्ध में भी जीत का क्लेम किया था। यहां तक पुलवामा में जिस तरह से भारत ने उसके घर में घुस उसे धोया था उसमें भी जीत क्लेम किया था। लेकिन दुनिया जानती है कि भारत ने हर बार उसको धूल चटायी है। लेकिन पाकिस्तान इतना बेशर्म और नंगा मुल्क है कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता झूठ बोलने में। पुलवामा पर पाकिस्तान का कहना था कि पुलवामा हमारा उसके टैक्टिकल ब्रिलियंस का प्रमाण है। इसके हिसाब से उसका आतंकवाद ही उसका टैक्टिकल ब्रिलियंस है। यही उसकी टैक्टिक्स भी रही है। पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद का सहारा लेता है, क्योंकि इससे उसके ऊपर डायरेक्ट चार्ज नहीं आता। समझा जा सकता है कि पाकिस्तान किस ख्वाब में जी रहा है और वहां के लोग किस मनगढंत दुनिया में जी रहे हैं। एक शेर यहां फिट बैठता है, हम को मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन, दिल के खुश रखने को गालिब ये खयाल अच्छा है।

    सेना ने बताया कैसे धोया पाकिस्तान को
    लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि आप सबको पता है कि पहलगाम अटैक में किस क्रूरता से 26 लोगों को मारा गया था। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। इसमें दुश्मनों को भारी नुकसान हुआ। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को हुई कार्रवाई में सीमा पार 9 ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मार गिराये। इसमें कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक में शामिल 3 बड़े आतंकी चेहरे भी शामिल थे। वहीं 7 मई को हुई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल्स से हमारे बॉर्डर स्टेट्स में स्थित सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। हमनें उन्हें हवा में ही मार गिराया। एक भी टारगेट सक्सेस नहीं होने दिया। इसके बाद हमने पाकिस्तान को जवाब देते हुए सख्त कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 सैनिक और अफसर मारे गये। बॉर्डर और एलओसी पर हुई पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में हमारे 5 जवान शहीद हुए हैं। मुरीदके के टेररिस्ट कैंप के बाद बहावलपुर ट्रेनिंग कैंप में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जहां आतंकवाद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। इन 2 टेररिस्ट कैंप को हमने टारगेट बनाया और इन्हें तबाह किया।

    हमला वहां जहां पाकिस्तान को सबसे ज्यादा दर्द : एयर मार्शल भारती
    एयर मार्शल भारती ने कहा कि हमने 7 मई की रात उनके लाहौर और गुजरांवाला स्थित रडार सिस्टम को निशाना बनाया। हम उन्हें यह बताना चाहते थे कि उनके मिलिट्री ठिकाने हमारी पहुंच से दूर नहीं थे। 8-9 मई को पाकिस्तान ने ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमारे बॉर्डर पर हमला किया था और मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की उनकी ज्यादातर कोशिशें नाकाम रहीं। पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात श्रीनगर से नलिया तक ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमला किया। उन्होंने जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी, फलौदी में अटैक किया, जिसे हममें नाकाम कर दिया। हमारी जमीन पर उनके लगातार हमलों से कोई नुकसान नहीं पहुंचा। लाहौर के करीब से ड्रोन अटैक लॉन्च किये गये थे। उन्होंने अपने और इंटरनेशनल पैसेंजर विमान एयर स्पेस में उड़ने दिये। पाकिस्तान अपने ही लोगों को ढाल बना कर भारत पर हमला करना चाहा। लेकिन उसमें वह नाकाम रहा। पाकिस्तान ने जो टारगेट चुने थे, उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। यह हमला आधी रात तक जारी रहा। मिलिट्री या सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नुकसान नहीं हुआ। वे लड़ाई चाहते थे और हम तैयार थे। एयर मार्शल भारती ने बताया कि हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो। उनके एयरबेस कमांड सिस्टम, मिलिट्री एयरबेस पर अटैक किया। चकलाला, रफीकी, रहरयार खान में हमला किया। हमारे पास उनके हर बेस पर हर सिस्टम को निशाना बनाने की क्षमता है। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री या किसी और से नहीं है। हमारी लड़ाई आतंकवादियों से है, जिन्हें हमने निशाना बनाया। लेकिन उन्होंने ड्रोन, यूएवी से हमला किया। हमारे पास जवाब देने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। हम यह करने की क्षमता रखते हैं। हमने पहलगाम अटैक के बाद अरब सागर में कई ड्रिल की, हथियारों की चेकिंग की। हम अपनी तैयारी को परख रहे थे। नेवी ने पाकिस्तानी नेवी को लगातार मॉनिटर किया। हम उनकी हर लोकेशन और मूवमेंट से वाकिफ थे।

    सेना ने ऑपरेशन सिंदूर से अवगत कराया
    सेना ने कहा कि हमारा मकसद टारगेट हिट करना, नुकसान पहुंचाना नहीं था। वायु सेना और थल सेना के बीच बेहतर तालमेल हुआ, जिसमें सभी एजेंसियों की अहम भूमिका रही। हमने नुकसान नहीं पहुंचाया, क्योंकि ह्यूमनिटेरियन डिस्ट्रक्शन हमारा उद्देश्य नहीं था। हमने वह टारगेट चुना, जिससे उन्हें इस्तेमाल में दिक्कत हो जाये, वो सतर्क हो जायें। हमारा मकसद उनकी सैन्य क्षमताओं को नुकसान पहुंचाना था, नागरिकों को नहीं। पाक के कितने विमान गिराये, उनका नंबर नहीं बता सकते पाकिस्तानी विमानों ने हमारी सीमा में घुसने की कोशिश की, हमने उन्हें मार गिराया। लेकिन कितने गिराये गये, यह बताना अभी मुमकिन नहीं है। जो हमारे विमान गिरे हैं वह क्रैश हुआ है। इसके पीछे तकनीकी वजह हो सकती है। जांच चल रही है। हमारे सभी पायलट सुरक्षित हैं। हमें मालूम था कि हमला कब, कहां और किससे होगा। हम सिर्फ जवाब देने के लिए तैयार नहीं थे, बल्कि आगे भी सोच रखा था कि क्या करना है। इसलिए हमने तय किया कि कहां और कैसे प्रहार करना है।

    भारत किसी भी मिशन के लिए तैयार
    सोमवार को हुए दुबारा प्रेस कांफ्रेंस में एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से किये गये हमले में चाइनीज ओरिजन की मिसाइल शामिल थीं, इनमें लॉन्ग रेंज रॉकेट थे, यूएवी थे, चीनी और तुर्की ओरिजन के कुछ कॉप्टर्स और ड्रोन थे। इन्हें हमारे एयरडिफेंस सिस्टम ने मार गिराया। हमने सिविलियन और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिनिमम रखी, जबकि पाकिस्तानी सेना लगातार हमले कर रही थी। आपको पता है कि एयर डिफेंस सिस्टम की हमारे पास वैरायटी है, लो लेवल फायरिंग, सरफेस टु एयर मिसाइल, लॉन्ग और शॉर्ट रेंज मिसाइल शामिल है। हम पर ड्रोन और यूएवी से हमला किया गया है। पाकिस्तानी हमले के दौरान हमारे सभी सिस्टम एकसाथ एक्टिव हुए, मॉडर्न डेज वार फाइटिंग के लिहाज से ये अहम था। पुराने माने जा रहे एयर डिफेंस सिस्टम ने भी सही तरह से काम किया। आकाश सिस्टम से भी हमलों का जवाब दिया गया। हमारे पास इंटरनेशनल बाउंड्री से रडार, एयर डिफेंस सिस्टम, विटेंज एयर डिफेंस सिस्टम और मॉडर्न एयर डिफेंस सिस्टम की लेयर थी। इसे पारकर हमारी एयरफील्ड को अटैक करना पाकिस्तान के लिए मुश्किल था। बीएसएफ की भी सराहना करूंगा। उनके डायरेक्टर जनरल से लेकर पोस्ट पर पहरा देने वाले जवान बढचढ़कर शामिल हुए और हमें हेल्प किया। हमारी मल्टी टियर्ड ग्रुप का वे भी हिस्सा थे। वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया, ‘नौसेना सर्विलांस, डिटेक्शन में लगी हुई थी। हमने मल्टीपल सेंसर्स और इनपुट्स दिये। हमने उन खतरों को पहचाना, जिन्हें तुरंत न्यूट्रिलाइज्ड किया जाना था। ड्रोन, हाईस्पीड मिसाइल और एयरक्राफ्ट की जानकारी दी गयी, ये एडवांस राडार के जरिये दी गयी। हमारे पायलट रात और दिन में आॅपरेट करने के लिए तैयार थे। हमारे एयरक्राफ्ट कैरियर में मिग-29 एक्शन के लिए तैयार थे। संदिग्ध दुश्मन जहाज को कई सौ किमी. पास आने का मौका हमने पास के सालों में नहीं दिया है। सेना ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत के सभी मिलिट्री बेस, सिस्टम ऑपरेशनल हैं और नये मिशन के लिए तैयार हैं।

    परमाणु की गीदड़भभकी देते-देते लेने के देने पड़ गये पाकिस्तान को
    10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के शोरकोट में रफीकी, चकवाल में मुरीद, चकलाला में नूर खान, रहीम यार खान, सुक्कुर, कसूर के चुनियन, पसरूर और सियालकोट में पाकिस्तानी एयरफोर्स के ठिकानों पर हमले किये। इस हमले में भारत ने स्कैल्प एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल, हैमर गाइडेड बम और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें दागीं। यह पहली बार था जब भारत ने सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस जैसी मिसाइल का इस्तेमाल किया, जो 290 किमी. की रेंज में 2500 किमी/घंटे से हमला करती है। वहीं भारतीय हमले की जद में परमाणु जखीरे के आने से घबराया पाकिस्तान भले ही अमेरिका की मदद से सीजफायर कराने में सफल रहा हो, लेकिन उसके लिए आगे की राह आसान नहीं होगी। पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे नूर खान एयरबेस के पास ही पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर है। भारत के सटीक हमले में नूर खान एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया। परमाणु कमांड सेंटर के भारतीय मिसाइल के जद में आने के खतरे में पाकिस्तानी सेना में कंपकंपी पैदा कर दी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जिस परमाणु जखीरे पर पाकिस्तान को नाज था और भारत को बार-बार गीदड़भभकी देता था, वह भारतीय मिसाइलों की जद में आ गया था। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर रावलपिंडी के चकलाला में नूर खान एयरबेस है। यहां पर पाकिस्तानी एयरफोर्स का एयर मोबिलिटी कमांड का सेंटर है। रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे इस अहम एयरबेस से सभी लड़ाकू विमानों और ड्रोन हमलों का नियंत्रण किया जाता है। पिछले दिनों भारत में हुए मिसाइल और ड्रोन हमले इसी एयरबेस से किये गये थे। इसी के पास नेशनल कमांड अथोरिटी की बिल्डिंग भी है, जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की देखरेख करता है। इसे पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर भी कहा जाता है।

    पाकिस्तान को सताने लगा था डर, तभी पकड़ लिया ट्रंप का पैर
    परमाणु कमांड सेंटर के नष्ट होने के बाद पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, जिसकी धमकी वह भारत को लगातार देता रहा है और 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही परमाणु युद्ध की धमकी दिखाकर दुनिया से भारत को रोकने की अपील करता रहा है। लेकिन पहली बार पाकिस्तान को अहसास हुआ कि भारत उसके परमाणु हथियारों को नाकाम करने में भी सक्षम है। नूर खान एयरबेस पर हमले के एक दिन पहले भी भारत रावलपिंडी पर ड्रोन हमला करने में सफल रहा था। पाकिस्तान की ओर से बताया गया कि ड्रोन रावलपिंडी स्टेडियम पर गिरा। लेकिन असल में जिस जगह पर ड्रोन गिरा उसके पास आइएसआइ के कश्मीर डिवीजन का दफ्तर है। जाहिर है भारत ने दिखा दिया कि पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर समेत तमाम सैन्य ठिकाने भारतीय मिसाइलों की जद में हैं, वह कहीं भी सटीक हमला कर सकता है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इसी के बाद पाकिस्तान ने तत्काल अमेरिका से भारत को किसी भी स्थिति में रोकने की गुहार लगायी। पाकिस्तान चाहता था कि अमेरिका तत्काल सीजफायर सुनिश्चित करे। अमेरिका से उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो सक्रिय हुए भारत को सीजफायर के तैयार करने में सफल रहे।

    चीन और तुर्किए के हथियारों की खुलने लगी पोल
    7 मई से 10 मई तक पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई चीनी हथियारों से हमले किये। इनमें जेएफ-17 एयरक्राफ्ट, पीएल-15 मिसाइल, एचक्यू -9 डिफेंस सिस्टम और कई ड्रोंस शामिल हैं। भारत के एंबेसडर रहे दीपक वोहरा ने एक इंटरव्यू में बताया कि भारत ने तमाम एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से इन सभी चीनी हथियारों को मार गिराया, जिससे दुनियाभर में चीनी हथियारों का मजाक उड़ने लगा।

    भारतीय सेना ने लगातार पाकिस्तान की ओर से चीनी हथियार के हमलों को नाकाम किया, जिससे चीन को अपने हथियारों की छवि खराब होने का डर सताने लगा। डीजीएमओ की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल किया गया कि तुर्किए के ड्रोंस को लेकर दुनिया में बहुत ज्यादा हल्ला मचा हुआ था, लेकिन लगता है कि बढ़ा-चढ़ाकर पेश किये गये, तुर्किए के ड्रोंस भारत में धराशायी हो गया और दुनिया को एक संदेश चला गया है कि अब हाइब्रिड वारफेयर में इसकी औकात नहीं बची? इसके जवाब में एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि तुर्किए ड्रोंस हों या कहीं और के भी ड्रोंस हो, आपने देखा यहां कि तरह से ड्रोंस के मलबे की तस्वीरें सामने आईं। हमने दिखा दिया कि हमारे काउंटर डिफेंस सिस्टम और हमारे ट्रेंड डिफेंस आॅपरेटर्स पूरी तरह से सक्षम हैं। हमारे देश की स्वदेशी तकनीक किसी भी तरह के ड्रोन हमलों या किसी भी तरह की तकनीक से निपटने के लिए तैयार हैं। हमें यहां ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है। आपने खुद अपनी आंखों से देखा है कि हमने इनका क्या हश्र किया है।

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