रांची। राजधानी पुलिस ने उग्रवादी संगठन टीपीसी के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। गुप्त सूचना के आधार पर टीपीसी के कुख्यात उग्रवादी दिवाकर गंझू उर्फ प्रताप को गिरफ्तार कर लिया गया है। टीपीसी के सब जोनल कमांडर प्रताप की तलाश रांची सहित कई जिलों के पुलिस को थी। गिरफ्तार उग्रवादी पर रांची के ग्रामीण थाना क्षेत्र और हजारीबाग सहित कई जिलों में आगजनी और गोलीबारी कर दहशत फैलाने का आरोप है।

एरिया कमांडर प्रताप गिरफ्तार
एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि गुरुवार को सूचना मिली थी कि प्रताप अपनी टीम के साथ बुढ़मू इलाके में लेवी वसूलने और अपना दहशत कायम करने के लिए किसी बड़ी अपराधीक घटना को अंजाम देने का योजना बना रहा है। साथ ही पतरातू की ओर से आने वाले राहगीरों को रोककर मोबाईल चेक कर मारपीट कर रहा है। सूचना मिलने पर ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल के निर्देश पर खलारी डीएसपी और बुढ़मू थानेदार रितेश कुमार को उग्रवादियों को गिरफ्तार करने का टास्क दिया गया था।

इलाके में उग्रवादियों की होने की सूचना मिलते ही डीएसपी खलारी और थाना प्रभारी बुढ़मू दल-बल के साथ चैनगढ़ा जंगल के पास पहुंचे। इसके साथ ही गम्हरिया जंगल का घेराबंदी कर प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी के कमांडर दिवाकर गंझू उर्फ प्रताप और उसके दस्ता सदस्य अक्षय गंझू को अवैध हथियार, मोबाइल, मोटरसाइकिल, टीएसपीसी का पर्चा आदि के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है।

कुख्यात उग्रवादी है टीपीसी कमांडर प्रताप
एसएसपी रांची ने बताया की प्रताप के ऊपर पांच लाख रुपये के इनाम का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई थी। प्रताप उग्रवादी जगु गंझू के कहने पर करीब 15 वर्ष पहले टीपीसी संगठन में शामिल हुआ था। जगु गंझू का वर्ष 2018 में पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने और एरिया कमांडर दिनेश राम के जेल जाने के बाद प्रताप को टीपीसी का एरिया कमांडर बनाया गया था।

गिरफ्तार उग्रवादी प्रताप ने शुरू से ही आतंक मचाने का काम करते आया है। खासकर बुढ़मू , उरीमारी, भुरकुंडा, पतरातू, बड़कागांव, केरेडारी क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य में, क्रसर मालिक से, ईंट भट्ठा मालिक से और जमीन कारोबारी से रंगदारी वसूली करते थे। इसके साथ ही रंगदारी नहीं देने वालों के विरूद्ध आगजनी, तोड़ फोड़ और फायरिंग की कार्रवाई कर दहशत फैलाते थे।

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