नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ नीतियों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए सर्वदलीय सात प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख सहयोगी देशों का दौरा करेगा।

संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में की जा रही है, जो भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निरंतर लड़ाई का प्रतीक है। प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय संकल्प और आतंकवाद के सभी रूपों और स्वरूपों के खिलाफ उसके दृढ़ दृष्टिकोण को पेश करना है। ये प्रतिनिधिमंडल दुनिया को भारत के आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का मजबूत संदेश देंगे।

प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और विशिष्ट राजनयिक शामिल होंगे। प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले सांसदों में शामिल हैं- शशि थरूर (कांग्रेस), रवि शंकर प्रसाद (भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), बैजयंत पांडा (भाजपा), कनिमोझी (द्रमुक), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) और श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना)।

सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब महत्वपूर्ण क्षण आते हैं तो भारत एकजुट खड़ा होता है। उन्होंने इसे राजनीति से ऊपर राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब बताया।

कांग्रेस नेता एवं विदेश मामलों से जुड़ी संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि वह इस निमंत्रण के लिए सम्मानित महसूस करते हैं और राष्ट्रीय हित के मामले में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं।

उल्लेखनीय है कि शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद से विश्व भर में भारत की बात रखने वाले प्रमुख चेहरा बने हैं। उन्होंने कई विदेशी चैनलों से बातचीत में भारतीय सेना और राष्ट्र के रुप में भारत के समर्थ्य और संकल्प को दुनिया के समक्ष रखा है।

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर जानकारी दी कि कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के तौर पर चार सांसदों के नामों की पेशकश की है, जिनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार शामिल हैं।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह किसी पार्टी के बारे में नहीं है। यह एक महत्वपूर्ण कार्य है और मैं अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इसे प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का प्रतीक बताया। संजय कुमार झा ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद के खिलाफ निरंतर प्रयासों का परिणाम है। सुप्रिया सुले ने भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की और कहा कि हम एक राष्ट्र के रूप में आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं। श्रीकांत शिंदे ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दर्शाते हुए कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है जिसे वे पूरी निष्ठा से निभाएंगे।

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