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    Home»विशेष»भारत में हजारों पाकिस्तानी महिलाएं शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आयीं, निकाह किया, लॉन्ग टर्म वीजा अप्लाई किया
    विशेष

    भारत में हजारों पाकिस्तानी महिलाएं शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आयीं, निकाह किया, लॉन्ग टर्म वीजा अप्लाई किया

    shivam kumarBy shivam kumarMay 1, 2025No Comments13 Mins Read
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    कुछ तो ऑनलाइन निकाह कर भारत में हैं सेटल, कई पासपोर्ट रिन्यू करवाने पाकिस्तान भी जाती हैं
    धरा रहे हजारों बांग्लादेशी, कोई स्लीपर सेल्स तो कोई ड्रग्स और मानव तस्करी में शामिल
    पटना में 28 पाकिस्तानी महिलाएं विभिन्न कार्यों से पटना आयीं थी, बस गयीं भारत में
    झारखंड में भी पाकिस्तानी दुल्हन, लॉन्ग टर्म वीजा पर आयीं, रिन्यूअल का इंतजार

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने कई कूटनीतिक कदम उठाये हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर जाने का आदेश दे दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों को कहा है कि अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानियों की पहचान करायें और वीजा रद्द कर उनकी वापसी को सुनिश्चित करें। इसी बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सनसनीखेज मुद्दा उठा दिया है। निशिकांत का दावा है कि भारत में शादी करके रह रहीं लगभग 5 लाख पाकिस्तानी लड़कियां अभी भी पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इन दुश्मनों से कैसे लड़ा जाये।

    पाकिस्तानी नागरिकों को 16 प्रकार के वीजा
    भारत सरकार अब तक पाकिस्तानी नागरिकों को 16 प्रकार के वीजा सेवाएं प्रदान करती थी। इनमें शार्क वीजा, वीजा आॅन अराइवल, बिजनेस वीजा, फिल्म वीजा, पत्रकार वीजा, ट्रांजिट वीजा, मेडिकल वीजा, कांफ्रेंस वीजा, माउंटेनरिंग वीजा, स्टूडेंट वीजा, डिप्लोमेटिक, आॅफिशियल वीजा, लॉन्ग टर्म वीजा, विजिटर वीजा, ग्रुप टूरिस्ट वीजा, धार्मिक यात्री वीजा और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए ग्रुप धार्मिक वीजा। सरकार की नयी पॉलिसी के तहत फिलहाल अगले आदेश तक लॉन्ग टर्म वीजा धारक पाकिस्तानी नागरिक भारत में रह सकते हैं। इसके अलावा, डिप्लोमेटिक और आॅफिशियल वीजा धारक पाकिस्तानी नागरिक भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस के आधार पर भारत में रह सकते हैं। हालांकि, इस वीजा के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय और निर्णय ले सकता है।

    मरियम शॉर्ट टर्म वीजा लेकर भारत आयी शादी कर ली, फौरन लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन
    उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रहने वाली पाकिस्तान की एक महिला ने भारत सरकार से गुहार लगायी है कि उसे उसके भारतीय पति के साथ भारत में ही रहने की अनुमति दी जाये। इस्लामाबाद की रहने वाली मरियम ने कहा कि उसकी शादी तीन साल पहले खुर्जा के आमिर से हुई थी। दो महीने पहले उसे वीजा मिला था और यहां आने के फौरन बाद उसने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन कर दिया था। उसने कहा कि वह शादी करने अपना मुल्क छोड़कर यहां आयी है। अब यही उसका मुल्क है। मरियम ने कहा कि जहां उसका पति रहता है, वही उसका देश है और वह यहां से वापस नहीं जाना चाहती। केंद्र सरकार के आदेश के बाद अल्पावधि वीजा पर बुलंदशहर में रह रही चार पाकिस्तानी महिलाओं को पहले ही वापस भेजा जा चुका है। मरियम जिले में बची एकमात्र पाकिस्तानी नागरिक है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉक्टर तेजवीर सिंह ने कहा कि मरियम के आवेदन पर दिशा-निर्देश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।

    समरीन 45 दिनों के वीजा पर भारत आयी थी, फिर शादी कर ली, लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन
    वहीं, एक और पाकिस्तानी महिला समरीन भारत के बीजा रद्द करने के फैसले से खुश नहीं हैं। उसने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि वह 45 दिनों के वीजा पर सितंबर में भारत आयी थी। इस दौरान उसने यहां निकाह कर लिया। लेकिन अभी तक उसे लॉन्ग टर्म वीजा नहीं मिल पाया। अब अचानक उसे देश छोड़ने के लिए कहा गया है। समरीन ने सवाल उठाया कि उसकी कोई गलती नहीं है, फिर भी उसे सजा दी जा रही है। समरीन ने कहा कि मैंने यहां शादी की है। मेरा परिवार यहीं है। अचानक से यह आदेश आना कि देश छोड़ दो, बहुत पीड़ादायक है। प्यार और मोहब्बत तो रहनी चाहिए ना। दोनों देशों के बीच जो भी दीवारें हैं, वो नहीं होनी चाहिए। अगर कोई गलती है, तो उसे मुद्दा बनाइये, लेकिन हम जैसे लोगों को तकलीफ क्यों?

    पटना में 28 पाकिस्तानी महिलाएं, एक भी पुरुष जिले में नहीं
    पटना जिले में भी फिलहाल 28 पाकिस्तानी महिलाएं रह रही हैं, सभी लोग टर्म वीजा पर यहां हैं, इनमें से तीन पाकिस्तानी महिलाओं ने भारतीय नागरिकता के लिए अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया है। वहीं एक महिला के खिलाफ पीरबहोर थाने में साल 2002 से ही केस दर्ज है। इस मामले में महिला जमानत पर है और केस ट्रायल में है। एडीजी लॉ एंड आॅर्डर संजय कुमार ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक में एक भी पुरुष पटना जिला में नहीं है। सभी 28 महिलाएं हैं। यह महिलाएं विभिन्न कार्यों से पटना आयी थीं, बाद में वीजा की अवधि बढ़ा दी गयी थी। इसमें कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्होंने यहां शादी भी कर ली है। वहीं कुछ की बहन और कुछ के भाई की यहां शादी हुई है। यह महिलाएं हर साल अपना वीजा रिन्यूअल कराती हैं। यह पाकिस्तान महिलाएं पीर बोहर के सब्जी बाग शास्त्री नगर के समन पूरा और फुलवारी शरीफ इलाके में रह रही हैं। वरीय अधिकारी के आदेश मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने महिलाओं की खोज की और तब जाकर के इन महिलाओं की डिटेल्स पता चली। एसपी लॉ एंड आॅर्डर संजय कुमार ने बताया कि, पटना जिले में रह रही पाकिस्तानी महिलाओं पर निगरानी रखने के लिए स्थानीय थाना को निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि गृह विभाग या स्पेशल ब्रांच से निर्देश मिलने के बाद कोई कार्रवाई की जायेगी। अब तक कोई आदेश नहीं मिला है।

    इसी क्रम में एक और मामला सामने आया, कराची से वाराणसी आये एक पाकिस्तानी नागरिक को कमिश्नरेट पुलिस और एलआइयू टीम ने शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना किया। पाकिस्तानी नागरिक 20 फरवरी को अटारी बॉर्डर से शॉर्ट टर्म वीजा पर काशी में शिवपुर अपने रिश्तेदारी में आया था। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन की जानकारी देते हुए नागरिक को वापस भेज दिया गया है। शहर में लॉन्ग टर्म वीजा पर सात महिलाएं रह रही हैं। पांच महिलाएं शादी करके वाराणसी में रह रही हैं। एक महिला का पाकिस्तानी पति से तलाक हो गया था, जिसके बाद वह वाराणसी चली आयी। एक व्यक्ति और है जो भारतीय मूल की मां के साथ काशी आया था। मां की मृत्यु के बाद से वह वाराणसी में रह गया। फिलहाल उसकी पूरी जानकारी एलआइयू के पास है।

    हजारीबाग में भी पाकिस्तानी दुल्हन
    हजारीबाग जिले में दो पाकिस्तानी दुल्हन रह रही हैं। दोनों का लॉन्ग टर्म वीजा है, जो रिन्यूअल होने की प्रक्रिया में है। ऐसे में इसे लेकर संशय का बाजार गर्म है कि क्या दोनों बहू हजारीबाग में रहेंगी या इन्हें पाकिस्तान लौटना पड़ेगा। हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग को दे दी है। आदेश का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही आदेश निर्गत किया जायेगा, उसी अनुसार कदम उठाया जायेगा। इनमें एक बिहार के कैबिनेट मंत्री रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता एचएच रहमान के छोटे भाई आजाद नगर हजारीबाग के सफीकुर्र रहमान की पत्नी अनिका रहमान हैं। सफीकुर्र रहमान ने 1994 में अनिका रहमान से शादी की थी। इनका लॉन्ग टर्म वीजा 2014 तक था। 2014 के बाद इनका वीजा रिन्यूअल होने की प्रक्रिया में है। अनिका रहमान ने कहा कि पाकिस्तान में मायके में कोई नहीं है। पिछले 5 साल से पाकिस्तान नहीं गयी हूं। वहीं शहर के पेलावल थाना क्षेत्र के बारी कॉलोनी निवासी मिराज अख्तर की पत्नी फातिमा तंजीम हैं। मिराज अख्तर ने बताया कि 2010 में उन्होंने पाकिस्तान की फातिमा तंजीम से शादी की थी। कहा कि आजादी के बाद परिवार बिखरे थे। फुफी पाकिस्तान में रह गयीं और वे लोग भारत आ गये। यह परिवार फिर से जुड़े यही सोचकर अपनी फुफी की बेटी से मैंने शादी की। बताया कि उनका लॉन्ग टर्म वीजा 2021 तक का था। आगे की रिनुअल प्रक्रिया में है। दोनों का परिवार हजारीबाग में बसा हुआ है।

    हजारीबाग में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे लोगों का कहना था कि केंद्र सरकार ने लॉन्ग टर्म वीजा के रिन्यूअल का पूरा पावर राज्य सरकार को दे दिया है, लेकिन जब हम लॉन्ग टर्म वीजा का रिन्यूअल के लिए राज्य सरकार के पास जाते हैं, तो केंद्र के पास भेजा जाता है। केंद्र में जाते हैं, तो वहां कहा जाता है कि आप यहां क्यों आये हैं, सब कुछ राज्य में होगा। इसके कारण किसी का 2014 से तो किसी का 2021 से लॉन्ग टर्म वीजा रिन्यूअल लंबित है। महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों पाकिस्तानी महिलाओं के बच्चे भी हैं। सरकार इन्हें वापस जाने का आदेश देती है, तो क्या बच्चे उनके साथ वापस जायेंगे या फिर वह भारत में ही रहेंगे। इसे लेकर भी कई तरह की चर्चा हो रही हैं।

    उत्तराखंड में 30 सालों से रह रहीं पांच पाकिस्तानी महिलाएं, निकाह कर पहुंची थीं भारत
    बात उत्तराखंड के हल्द्वानी की करें तो यहां बनभूलपुरा में लांग टर्म वीजा पर 30-40 वर्षों से पांच पाकिस्तानी महिलाएं रह रही हैं। हालांकि इन महिलाओं से अभी स्थानीय प्रशासन ने संपर्क नहीं किया है। जिले के एक एलआइयू अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि बनभूलपुरा में छह पाकिस्तानी महिलाएं लांग टर्म वीजा पर निकाह कर पहुंची थीं। जिसमें एक महिला की मौत भी हो चुकी है। ये महिलाएं 30-40 वर्षों से रह रही हैं। कई महिलाओं के बच्चे बड़े हो चुके हैं।

    ऑनलाइन निकाह कर पाकिस्तान से भारत आयी मीनल, वीजा रद्द होने से ससुराल छोड़ने की नौबत
    बीते साल 24 मई को मीनल ने पाकिस्तान से जम्मू के सीआरपीएफ जवान मुनीर के साथ ऑनलाइन निकाह किया था। अभी बीते माह ही वह जम्मू की भलवाल तहसील के राब्ता हंडवाल गांव में अपने ससुराल आयी हैं। अब पाकिस्तानी वीजा रद्द करने के भारत सरकार के फैसले मीनल को अपने वतन लौटना पड़ सकता है, क्योंकि अभी तक इन्हें देश की नागरिकता नहीं मिली है। हालांकि मीनल के पति मुनीर का कहना है कि उनके साथ ऐसा नहीं होगा, क्योंकि मीनल को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए प्रशासन को सभी दस्तावेज दे दिये गये हैं। उनको अभी समय मिला हुआ है। जल्द ही भारत की नागरिकता भी मिल जायेगी।

    पाकिस्तानी की रक्षंदा की 36 साल पहले हुई थी शादी
    पाकिस्तान की रहने वाली रक्षंदा जहूर की शादी 36 साल पहले जम्मू के रजिडेंसी रोड स्थिति करबला के जहूर अहमद के साथ हुई थी। भारत की नागरिकता नहीं होने से अब रक्षंदा को परिवार छूटने की चिंता सता रही है। जहूर अहमद ने बताया कि उसकी शादी 1988 में हुई थी। पत्नी इस्लामाबाद से है। शादी के कुछ समय बाद ही पत्नी के माता-पिता और फिर भाई का निधन हो गया था। वहां रक्षंदा का कोई रिश्तेदार नहीं है। हम सिर्फ पासपोर्ट रिन्यू करवाने पाकिस्तान जाते हैं। उसके अलावा वहां जाना नहीं होता है। जहूर ने बताया कि अभी तक पत्नी को भारत की नागरिकता नहीं मिली है। हालांकि, इसके के लिए आवेदन किया है। वह लॉन्ग टाइम वीजा पर हैं।

    गुजरात में एक हजार से ज्यादा बांग्लादेशी हिरासत में
    इनमें से कई ड्रग्स और मानव तस्करी में शामिल, कई स्लीपर सेल
    वहीं गुजरात के अहमदाबाद में 890 और सूरत में 134 महिलाओं और बच्चों सहित करीब एक हजार अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया। वैध दस्तावेज नहीं मिलने पर उन्हें भारत से निकाला जायेगा। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि इनमें से कई लोग ड्रग्स और मानव तस्करी में शामिल हैं। हाल ही में गिरफ्तार किये गये चार बांग्लादेशियों में से दो अलकायदा के स्लीपर सेल में काम करते थे। इन बांग्लादेशियों की पृष्ठभूमि और गुजरात में उनकी गतिविधियों की जांच की जायेगी। हरियाणा में राज्य सरकार ने 460 पाकिस्तानियों को निकालने का आदेश जारी किया है। असम में पुलिस ने छह बांग्लादेशी लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी अवैध रूप से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इनमें एक महिला भी है।

    पाकिस्तानियों को किया जा रहा डिपोर्ट
    भारत सरकार के इस फैसले के बाद सभी राज्यों ने अपने यहां रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की मदद से राज्यों की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने अल्पकालिक वीजा धारी पाकिस्तानी नागरिकों को ट्रेस करके उन्हें डिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। इस काम में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने दावा किया कि राज्य से पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। बता दें कि यूपी सरकार ने अल्पकालिक वीजा पर राज्य में आये 118 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की थी।

    गुजरात में लॉन्ग टर्म वीजा पर 438 पाकिस्तानी नागरिक
    इसी तरह महाराष्ट्र में अल्पकालिक वीजा पर रह रहे 55 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लौटने के लिए कह दिया गया है। मुंबई से 15 पाकिस्तानी नागरिक डिपोर्ट भी किये जा चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट में महाराष्ट्र में 107 पाकिस्तानी नागरिकों के रहस्यमय ढंग से लापता होने की बात थी। महाराष्ट्र पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये लोग 1950 और 1960 के दशक के दौरान राज्य में प्रवास कर गये थे, यह वह अवधि थी जिसमें रिकॉर्ड रखने का काम इतना सख्त नहीं था। हाल ही में उन्हें लापता के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन अब यह समझा जाता है कि उनमें से कई की या तो मृत्यु हो गयी है या बाद में आधिकारिक रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हो गया है।

    मध्य प्रदेश में शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे 228 पाकिस्तानी नागरिक
    मध्य प्रदेश में शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे 228 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। वहीं गुजरात सरकार के गृह विभाग ने बताया है कि गुजरात में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है। वर्तमान में 438 पाकिस्तानी नागरिक दीर्घकालिक वीजा पर गुजरात में रह रहे हैं, जिन्हें फिलहाल डिपोर्ट करने का निर्देश नहीं है।

    दक्षिण भारतीय राज्यों में रह रहे करीब 600 पाकिस्तानी
    दक्षिण भारतीय राज्यों में करीब 600 पाकिस्तानी नागरिकों को ट्रेस किया गया है। इनमें से कुछ लॉन्ग टर्म वीजा वाले हैं और कुछ शॉट टर्म वीजा वाले। केंद्र के निर्देश के बाद कर्नाटक सरकार ने राज्य में रह रहे 108 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की है। लेकिन इनमें से 88 ने भारतीय नागरिकों से विवाह किया है और उनके पास दीर्घकालिक वीजा है और ये समय-समय पर अपने स्टे परमिट को रिन्यूअल कराते रहे हैं। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि अल्पकालिक वीजा पर कर्नाटक में प्रवेश करने वाले चार से पांच पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगा लिया गया है और उनके डिपोर्टेशन की कार्यवाही चल रही है। मनोरमा की एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल में 102 पाकिस्तानी नागरिक हैं और उनमें से लगभग आधे इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर हैं। बाकी लोग व्यवसाय से जुड़े उद्देश्यों से दक्षिणी राज्य में हैं। इन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया चल रही है और कुछ को वापस भी भेजा जा चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में हैदराबाद में 208 पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिनमें से 156 के पास दीर्घकालिक वीजा है, 13 के पास अल्पकालिक वीजा है और 39 लोग मेडिकल वीजा पर आये हैं। फिलहाल अल्पकालिक वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है। तमिलनाडु में करीब 180-200 पाकिस्तानी नागरिक अल्पकालिक वीजा पर हैं और राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से देश छोड़ने के लिए कहना शुरू कर दिया है। इनमें से ज्यादातर मेडिकल वीजा पर राज्य में आये हैं। कई पाकिस्तानी नागरिक चेन्नई और वेल्लोर के अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं और वे 2-3 महीने तक यहीं रहते हैं। उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशनों में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। अधिकारी उन पाकिस्तानी नागरिकों की सूची भी एकत्र कर रहे हैं जो व्यवसाय या वैवाहिक संबंधों के लिए भारत में हैं। हालांकि, जिन पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत में विवाह किया है उनके पास लॉन्ग टर्म वीजा होगा। लेकिन बिजनेस वीजा पर आने वालों को जल्द से जल्द वापस पाकिस्तान जाना होगा।

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