वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के प्राथमिक सार्वजनिक प्रसारणकर्ता नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) और अमेरिकन पब्लिक टेलीविजन (पीबीएस) को जारी होने वाली संघीय निधि पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। उन्होंने गुरुवार को इस आशय के एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसमें कॉरपोरेशन फॉर पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग के निदेशक मंडल को एनपीआर और पीबीएस के लिए संघीय निधि बंद करने का निर्देश दिया गया है।

एबीसी न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, ट्रंप का मानना है कि एनपीआर और पीबीएस के समाचार कवरेज में वामपंथी पूर्वाग्रह होता है। एनपीआर और पीबीएस को संघीय निधि कांग्रेस विनियोजित करती है। माना जा रहा है कि ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश को भी अदालत में चुनौती दी जा सकती है। कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि एनपीआर और पीबीएस किस दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। दुखद यह है कि दोनों प्रसारक वर्तमान घटनाओं का निष्पक्ष, सटीक या निष्पक्ष चित्रण प्रस्तुत नहीं करते।

ट्रंप ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एनपीआर और पीबीएस पर हमला कर चुके हैं। उन्होंने लिखा था कि रिपब्लिकन को एनपीआर और पीबीएस से खुद को पूरी तरह से अलग करना चाहिए। दोनों कट्टरपंथी वामपंथी ‘राक्षस’ हैं। दोनों ने अमेरिका कोबहुत नुकसान पहुंचाया है। अपने कार्यकारी आदेश में ट्रंप ने एनपीआर और पीबीएस के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष वित्त पोषण को रोकने का भी निर्देश दिया है। एनपीआर की अध्यक्ष और सीईओ कैथरीन माहेर ने फिलहाल कार्यकारी आदेश पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

साल 1970 में 26 फरवरी को वाशिंगटन डीसी में स्थापित नेशनल पब्लिक रेडियो का वेस्ट मुख्यालय कल्वर सिटी, कैलिफोर्निया में है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में 1,000 से अधिक सार्वजनिक रेडियो स्टेशनों के नेटवर्क के लिए राष्ट्रीय सिंडिकेटर के रूप में कार्य करता है। इसकी स्थापना के लिए कांग्रेस ने 1967 के सार्वजनिक प्रसारण अधिनियम को पारित किया था। इस पर तत्कालीन राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने हस्ताक्षर किए थे।

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