रांची: आजसू पार्टी द्वारा राज्य के सभी प्रखंडों में बलिदान दिवस मनाया गया। इस मौके पर कार्यकर्ताओंं ने झारखंड आंदोलन के वीर सपूतों को नमन किया। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो सिल्ली में आयोजित बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को वीर सपूतों और शहीदों के सपनों के अनुरूप झारखंड बनाने के लिए संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया।
सुदेश ने कहा कि एक आंदोलनकारी संगठन से एक राजनीतिक दल तक की अपनी यात्रा आजसू पार्टी ने संघर्ष, बलिदान एवं कुर्बानियों की पीड़ादायक पगडंडियों से होकर तय की है। हमने जंगलों में रातें बितायीं हंै। शोषणकारी सरकारी तंत्र का जुल्म झेला है। भाइयों ने अलग झारखंड के लिए गोलियां खायी हैं। मेरे क्रांतिकारी साथियों ने अपने प्राण न्योछावर किये हैं। यात्रा अभी शेष है। वर्तमान सरकार के कुछ निर्णयों के खिलाफ झारखंडियों की सूनी आंखों में आक्रोश की ज्वाला दिखती है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी झारखंड आंदोलन के उद्देश्य को धूमिल नहीं होने देगीे।
रांची : कार्यकर्ताओं ने निकाला जुलूस
रांची में जिला, महानगर और छात्र आजसू कमेटी के पदाधिकारी- कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में निर्मल महतो चौक पहुंचे और प्रतिमा पर फूल माला चढ़ायी तथा नारे लगाये। इस कार्यक्रम का नेतृत्व अनिल टाइगर, मुनचुन राय, हरीश कुमार, ललित ओझा एवं गौतम सिंह कर रहे थे।
रांची जिलाध्यक्ष अनिल टाइगर ने कहा कि आजसू नहीं होता तो झारखंड अलग राज्य नहीं होता। आजसू के कार्यकर्ता जेल गये, लाठी-डंडा खाये और कई लोग शहीद भी हुए। आजसू के लड़ाकू सिपाहियों ने शैक्षणिक प्रमाण पत्र जलाकर अलग राज्य के लिए बलिदान दिया।
जुगसलाई में भी आयोजन
जुगसलाई के बोड़ाम में पार्टी विधायक रामचंद्र सहिस ने बलिदान दिवस कार्यक्रम में कहा कि झारखंड अलग राज्य एक खेत के रूप में मिला है, लेकिन खेती करने का निर्णय आज भी झारखंड के बाहर के लोगों के हाथ में है। हमें अपने खेत में खुद खेती करनी होगी।
शहादत के सहारे हमारी यात्रा जारी : डॉ देवशरण
कांके में बलिदान दिवस के अवसर पर डॉ देवशरण भगत ने कहा कि आज से ठीक 32 वर्ष पूर्व हमारे क्रांतिवीरों ने झारखंड राज्य के निर्माण के संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाने के लिए आजसू पार्टी का गठन किया था। उनमें से कई क्रांतिकारी सहयोगी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके सपनों के धागे एवं उनकी शहादत की ताकत के सहारे हमारी यात्रा अनवरत जारी है।
रांची में विधायक विकास कुमार मुंडा, डॉ संजय बसु मल्लिक, राजेंद्र मेहता, हसन अंसारी, वायलेट कच्छप, जयंत घोष, प्रो विनय भरत, आरपी रंजन, विमल कच्छप, जयपाल सिंह, राजेंद्र शाही मुंडा, ललित ओझा, नईम अंसारी, बनमाली मंडल, आशुतोष गोस्वामी, रामगढ़ में मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, रोशनलाल चौधरी, तिवारी महतो, इंतेखाब आलम, लोहरदगा में प्रो विनोद भगत, लाल गुड्डू नाथ शाहदेव, सूरज अग्रवाल, कवंलजीत सिंह, बोकारो में उमाकांत रजक, साधु शरण गोप, अश्विनी महतो, अजय सिंह, टिकैत महतो, मानिक चंद्र महतो, कमलेश महतो, धनबाद में विधायक राम चंद्र सहिस, प्रो श्याम मूर्मू, सागेन हांसदा, स्वपन सिंहदेव, विधायक राजकिशोर महतो शामिल थे।
पूर्वी सिंहभूम में बुद्धेश्वर मूर्मू, चंद्रगुप्त सिंह पश्चिम सिंहभूम में दामू वानरा दुर्गाचरण महतो, संतोष महतो, जोनाथन टूडू, अजय सिंह, दामोदर सिंह मेलर, जोबा रानी पाल शामिल हुए।