बाड़मेर: धरती पर भगवान का रूप माने जाने वाले डॉक्टर ही अगर अंधविश्वास का शिकार हों और उसका निशाना मरीज को बनाया जाए तो इसे आप क्या कहेंगे। ऐसा ही एक वाकया राजस्थान में सामने आया। सोनड़ी निवासी एक महिला को जब परिजन जिला अस्पताल ले गए तो इस इलाज से पहले बाकायदा डॉक्टर ने अगरबत्ती जलाई और इसके बाद बाल पकडक़र महिला को थप्पड़ जड़ दिए। इसके बाद भी महिला को होश नहीं आया।

सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है। यह वीडियो बाड़मेर जिला अस्पताल के डॉ. सुरेंद्र बोहरा का है। इसमें डॉ. बोहरा अस्पताल में भर्ती महिला का इलाज झोला झाप की तरह करते नजर आ रहे हैं। डॉ. बाहरी ने इस महिला के इलाज से पहले बाकायदा अगरबत्ती जलाई और इसके बाद बाल पकडक़र उसे होश में लाने के लिए थप्पड़ मारे।

पिछले एक महीने से राजस्थान के पश्चिमी जिलों में अंधविश्वास से जुड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं। इनमें किसी महिला के सोते हुए बाल काटे जाने, पांवों में मेहंदी और सिंदूर लगने की बात कही जाती है, हालांकि इन सभी घटनाओं को प्रशासन अंधविश्वास करार देता रहा है।

अंधविश्वास का आलम यह है कि बाड़मेर के एसपी गगनदीप सिंगला ने लोगों से अपील की है कि वे भ्रामक बातों पर विश्वास ना करें। यह घटनाएं किसी व्यक्ति द्वारा स्वयं को सोशल मीडिया पर प्रचलित करने के लिए भी की जा सकती है। यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति ऐसी घटना करने की कोशिश करते हुए दिखे या झूठी अफवाह फैलाने की कोशिश करे तो उसकी जानकारी अपने नजदीकी थाना एवं पुलिस कंट्रोल को दें।

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