“दार्जिलिंग में आज गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के चीफ बिमल गुरुंग के ऑफिस पर पुलिस की छापेमारी के बाद समर्थक दल भड़क उठे हैं। समर्थकों ने कई जगह तोड़फोड़ कर सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को आग को हवाले कर दिया है। आज की गई छापेमारी के दौरान दार्जिलिंग पुलिस ने 400 हथियार और कैश बरामद किए हैं। ”

एएनआई के मुताबिक, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग और दूसरे कई कार्यकताओं के घर पुलिस की छापेमारी के बाद प्रदर्शनकारियों ने कई जगह तोड़-फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया जिसमें एक मीडिया की भी गाड़ी थी। बिमल गुरुंग के कई समर्थकों ने बेकाबू होकर कलिमपोंग जिले के पेडोंग थाने में भी आग लगा दी है।

जीजेएम के महसचिव रोशन गिरि ने कहा कि पुलिस छापेमारी से नाराज होकर जीजेएम ने पहाड़ी क्षेत्र में आज से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। गिरि ने कहा कि राज्य सरकार चुन-चुन कर निशाना बनाने की राजनीति पर काम कर रही है। पुलिस और राज्य सरकार हमें पहाड़ी क्षेत्र में अनिश्चितकालीन बंद बुलाने पर मजबूर कर रहे हैं। राज्य सरकार की क्रूरता के बारे में हम केंद्र को सूचित करेंगे।

दार्जिलिंग में बिगड़े हालातों के बाद केंद्र ने पश्चिम बंगाल के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठा दिए हैं। गृहमंत्रालय ने ममता सरकार से मामले की गंभीरता को देखते हुए रिपोर्ट मांगी है। छापेमारी पर सफाई देते हुए कार्यकर्ता बिनय तमांग ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उनके पुराने उपकरणों को हथियारों की तरह पेश किया है। बिनय ने कहा कि इसी वजह से वे गोरखलैंड, अधिकार, संस्कृति के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

गौरतलब है कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग के नेतृत्व में अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग में प्रदर्शन चल रहा है। 8 जून को प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने के बाद दार्जिलिंग में भारी मात्रा में सुरक्षाबल की तैनाती की गई और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके पहले जीजेएम ने दार्जिलिंग में सोमवार से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की थी।

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