रांची: राज्य सरकार ने धीरे-धीरे निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि कई निजी छोटे स्कूल बंद होने के कगार पर हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के विभिन्न प्रावधानों को आधार बनाकर राज्य सरकार ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे हालात हो गये हैं कि जिलों में छोटे स्तर पर चलने वाले निजी स्कूल बंद होने के कगार पर हैं। दरअसल जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से स्कूलों को पत्र गया है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में बीएड शिक्षक ही रखे जायें। सीसीटीवी जरूर लगवाये जायें। स्कूलों के पास मैदान जरूर हों। जाहिर तौर पर ऐसे फरमानों से छोटे स्कूल संचालकों के पसीने छूट रहे हैं।
शर्तों में ढील चाहते हैं स्कूल प्रबंधन
फिलहाल, रांची को छोड़कर सभी जिलों में ऐसे स्कूलों को नोटिस देकर कहा गया है कि या तो वे अपने स्कूल के बच्चों को कहीं और दाखिला करायें या फिर स्कूल बंद करने की सूचना दें। निजी स्कूल संचालक रंजीत कुमार खत्री कहते हैं कि आरटीएस के कुछ नियमों को शिथिल करना चाहिए। गांव-गांव में जहां स्कूल सुचारु रूप से चल रहे हैं, चलने देना चाहिए। निजी स्कूल संचालक अक्षय प्रसाद सिंह भी सरकार से नियमों में छूट देने की मांग करते हैं। इधर राज्य सरकार की विभिन्न कमेटियों में बतौर एक्सपर्ट शामिल प्रमोद नारायण का मानना है सरकार को नियमों में शिथिलता देनी चाहिए, ताकि वैसे स्कूल अपना अस्तित्व बचाये रखें, जो गरीब बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं।