नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे से लौट आये हैं। इस दौरे में उन्होंने मालदीव और श्रीलंका की यात्रा की। रविवार को मालदीव से कोलंबो पहुंचे प्रधानमंत्री का एयरपोर्ट पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्वागत किया। इसके बाद वह संत एंथोनी चर्च पहुंचे, जहां उन्होंने अप्रैल में इस्टर के मौके पर किये गये आतंकी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने कोलंबो स्थित इंडिया हाउस में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इससे पहले राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जतायी कि आतंकवाद एक ‘संयुक्त खतरा’ है, जिसके खिलाफ संयुक्त रूप से कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है। बता दें कि 10 दिन के अंदर प्रधानमंत्री ने सिरिसेना से दूसरी बार मुलाकात की है। वहीं श्रीलंका में अप्रैल में इस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका का दौरा करनेवाले पहले विदेशी नेता थे।
सिरिसेना से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, राष्ट्रपति सिरिसेना से मिला, जो 10 दिनों के अंदर दूसरी मुलाकात है। राष्ट्रपति सिरिसेना और मैं इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद एक संयुक्त खतरा है, जिसके खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है। श्रीलंका से साझा, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धिता दोहरायी। इस दौरान सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुद्ध की समाधि वाली कलाकृति उपहार के तौर पर दी। प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्वीट में कहा गया, खास मित्र से मिला खास उपहार। इसे अनुराधापुर काल की सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों में से एक माना जाता है। मूल प्रतिमा चौथी और सातवीं इस्वी के बीच बनी थी।
राष्ट्रपति सचिवालय जाने से पहले रास्ते में प्रधानमंत्री मोदी का काफिला कोलंबो में कैथोलिक चर्च पहुंचा। यहां उन्होंने अप्रैल में इस्टर के मौके पर किये गये आतंकी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मुझे विश्वास है कि श्रीलंका फिर उठ खड़ा होगा। कायराना आतंकवादी हमले श्रीलंका के हौसले को डिगा नहीं सकते। भारत श्रीलंका के लोगों के साथ है।
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