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    Home»Jharkhand Top News»रक्तदान करना पुण्य का कार्य : धीरज
    Jharkhand Top News

    रक्तदान करना पुण्य का कार्य : धीरज

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJune 16, 2020No Comments3 Mins Read
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    जयकांत शुक्ला
    मेदिनीनगर। पलामू ब्लड बैंक में विभिन्न प्रकार के ब्लड समूहों के स्टॉक की कमी के कारण जरूरतमंद मरीजों को हो रही परेशानियों को देखते हुए पिछले सात वर्षोंं से पारा शिक्षक सह सामाजिक कार्यकर्ता धीरज मिश्रा रक्तदान कर लोगों की मदद कर रहे हैं। महादान एवं रक्तदान जागरूकता अभियान कार्यक्रम के माध्यम से अब तक रक्त के सैकड़ों जरूरतमंदों की मदद कर चुके हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दोस्तों, रिश्तेदारों से रक्तदान करने का आग्रह कर रहे हैं।
    करिए एक मैसेज, मिलेगा ब्लड
    धीरज मिश्रा ने बताया कि डालटनगंज ब्लड बैंक में ब्लड की लगातार कमी के चलते पलामू के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती रक्त के जरूरतमंद मरीजों द्वारा इन्हें 20 से 30 कॉल के साथ ही फेसबुक मैसेंजर एवं व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज करके रक्त उपलब्ध कराने का आग्रह किया जाता है।
    इनकी भूमिका सराहनीय
    रक्तदान महादान कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अपने सहयोगियों में पूर्व सैनिक बृजेश शुक्ला, राहुल कुमार दुबे, कोमल कुमार अंकु, गुड्डू वर्मन, श्याम पांडेय, तरंग संस्था के सौरव सिंह, रोहित सिंह, आरंभ फाउंडेशन के संस्थापक अमन पांडेय, सूरज पांडेय, रणजीत वर्मन, गढ़वा के सहयोगी कंचन साहू, प्रियम सिंह, कृत्या नंद श्रीवास्तव, नवीन तिवारी, राजा सिंह, दौलत सोनी आदि शामिल हैं। वहीं रांची में रक्तदान महादान कार्यक्रम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले रंजन पासवान, सूरज झंडई, शुभम सिंह के साथ रक्तदान शिविर आयोजन एवं ब्लड बैंक में रक्तदान कर के रक्त के जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराते रहे हैं।
    उचित खान-पान लें गर्भवती महिलाएं : धीरज मिश्रा
    धीरज मिश्रा ने बताया रक्त के जरूरतमंदों से आग्रह किया है कि गर्भवती महिलाओं को उचित खानपान, इलाज और चिकित्सा के माध्यम से रक्त की कमी से बचाया जा सकता है। अक्सर देखने में यह आता रहा है कि अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं का हिमोग्लोबिन की मात्रा मात्र 5 या 6 ग्राम रहता है और मरीज की हालत नाजुक बनी रहती है। मरीज के परिजनों द्वारा अपना रक्त दान न करके मरीजों को परेशान करने का कार्य किया जाता है। ब्लड उपलब्ध नहीं हो हो पाने के कारण कई मामलों में मरीज को रांची भेजकर अस्पताल में भर्ती करवाकर ब्लड उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता रहा है।
    रक्तदान से नहीं पड़ता है नकारात्मक असर
    धीरज मिश्रा ने बताया कि रक्तदान करने से शारीरिक सेहत को किसी भी तरह का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है। बल्कि नये ब्लड के निर्माण से शरीर मे ऊर्जा एवं स्फूर्ति बढ़ती है। रक्तदान करना पुण्य का काम है, एक रक्तदाता तीन महीने के अंतराल में एक बार यानी साल में चार बार रक्त दान कर सकते हैं।
    रक्तदान के लिए आये आगे
    धीरज मिश्रा ने दु:खी मन से बताया कि बहुत अफसोस की बात है लोग रक्तदान करने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। रक्तदान करने को लेकर लोग पूरी तरह जागरूक नहीं हैं। अक्सर देखने में यह आता है कि रक्त के जरूरतमंदों के परिजनों द्वारा अपना रक्त दान न करते हुए अन्य लोगों से रक्त दान करने का आग्रह करते हैं। ज्यादातर मामलों में रक्त के जरूरतमंदों को अपना ब्लड देने में आनाकानी करते हुए मरीज को मानसिक तनाव देने का कार्य किया जाता है।

    Blood donation is a work of virtue: endurance
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    azad sipahi desk

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