अजय शर्मा
रांची। 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के मामले के अनुसंधान की समीक्षा के दौरान कई निर्देश अनुसंधानक को दिये गये हैं। मामले की समीक्षा वरीय अधिकारियों ने की है। तय हुआ कि उस चुनाव में वोट देने से वंचित रहे झामुमो के विधायक चमरा लिंडा और पांकी से कांग्रेस के तत्कालीन विधायक देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह से पूछताछ जल्द की जायेगी। वर्ष 2016 की इस घटना पर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में जो प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उसके अनुसंधानक वहां के थाना प्रभारी हैं, जो 10 वर्ष से अधिक समय तक सीबीआइ में रह चुके हैं।
वरीय अधिकारियों ने अनुसंधानक को झामुमो विधायक चमरा लिंडा से पूछताछ से पहले इसकी सूचना विधानसभा अध्यक्ष को भी देने का निर्देश दिया है। चमरा लिंडा से यह पूछा जायेगा कि वे मतदान में शामिल क्यों नहीं हो सके थे। उन्हें किसी ने धमकाया था या फिर वह अपनी मर्जी से मतदान में शामिल नहीं हुए थे। मतदान के दिन विधायक आॅर्किड अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने पहले ही पुलिस अधिकारियों को बताया है कि पुलिस की एक टीम अस्पताल पहुंची थी और वारंट दिखाते हुए मतदान में शामिल होने पर जेल भेजने की धमकी दी थी।
विधायक पर वर्ष 2013 में सरकारी काम में बाधा डालने और आरक्षियों से मारपीट का एक मामला दर्ज था। तीन साल तक पुलिस को उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिला। राज्यसभा चुनाव के ठीक पहले रांची पुलिस ने इस केस को सत्य बताते हुए वारंट निर्गत कराया था। अनुसंधानक को यह भी निर्देश दिया गया है कि पुलिस को विधायक के खिलाफ अचानक सबूत मिलने की परिस्थितियों की भी जांच की जाये। चमरा लिंडा से पूछे जानेवाले सवालों की सूची तैयार कर ली गयी है। कुछ इसी तरह के सवाल पूर्व विधायक बिट्टू सिंह से भी किये जायेंगे। बता दें कि रांची पुलिस को 40 बिंदुओं पर जांच के आदेश दिये गये हैं। इस कड़ी में पूर्व विधायक और मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी से पूछताछ हो चुकी है। जेल में बंद साव से फिर पूछताछ की जायेगी। इस मामले की मॉनिटरिंग रांची के डीआइजी अखिलेश झा कर रहे हैं।
चमरा लिंडा और बिट्टू सिंह से पूछताछ जल्द
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