अमेरिका के घरेलू हालात इन दिनों ठीक नहीं है। वहां एक अश्‍वेत की पुलिस हिरासत में मौत के बाद कई शहरों में हिंसा और आगजनी की खबरें हैं। ट्रंप के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं। इन सबके बीच भी अगर ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन किया और 25 मिनट से भी ज्यादा वक्‍त तक बात हुई तो साफ है कि दोनों की दोस्‍ती कितनी गहरी है

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात की। दोनों नेताओं के बीच 25 मिनट से भी ज्‍यादा वक्‍त तक कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसी दौरान ट्रंप ने मोदी को G7 देशों की बैठक में शामिल होने का न्‍यौता दिया। अमेरिका में हिंसा, भारत-चीन सीमा पर तनाव, कोरोना वायरस महामारी और वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑगनाइजेशन में सुधार जैसे मसलों पर दोनों नेताओं ने बात की। बातचीत के कई बिंदु ऐसे रहे जिससे चीन बौखला गया। चाहे वह G7 को विस्‍तार देने की बात हो या सीमा तनाव की, चीन को मोदी-ट्रंप की यह बातचीत बिल्‍कुल पसंद नहीं आई।

ट्रंप G7 में भारत के अलावा रूस, साउथ कोरिया और ऑस्‍ट्रेलिया को भी शामिल करना चाहते हैं। कुछ एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप की मंशा G20 की वैल्‍यू कम करने की है जिसमें चीन भी मेंबर है। दरअसल चीन और अमेरिका के रिश्‍ते अब बड़े तल्‍ख हो चले हैं। WHO में चीन के प्रभाव को लेकर ट्रंप उसकी फंडिंग रोक चुके हैं। मंगलवार को उन्‍होंने G7 के लिए पीएम मोदी को न्‍यौता दिया। मोदी ने ट्रंप की राय को सराहते हुए साथ काम करने की बात कही।

भारत-चीन बॉर्डर के हालात पर भी मोदी और ट्रंप ने बातचीत की। भारत सरकार की ओर से जारी बयान में भी इसका जिक्र होता दिखाता है कि LAC पर चीन की घुसपैठ से अमेरिका नाखुश है। अमेरिका के सीनियर अधिकारी भी ऐसी ही राय रख चुके हैं। ट्रंप ने पिछले दिनों मोदी से इस बारे में बातचीत का दावा किया था जिसे विदेश मंत्रालय ने खारिज किया था। उस वाकये का इस बातचीत पर कोई असर नहीं हुआ। भारत और चीन के बाद 6 जून को टॉप लेवल मिलिट्री मीटिंग होनी है जिसमें पूर्वी लद्दाख सीाम पर तनाव को खत्‍म करने का रास्‍ता निकल सकता है। दूसरी तरफ चीन ने, चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में 1,124 मेगावॉट का पावर प्रोजेक्‍ट सेटअप करने की तैयारी कर ली है। भारत इस प्रोजेक्‍ट का विरोध करता है।

 

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version