भारत में तैयार किए जा रहे कोरोना वैक्सीन कैंडिडेट का मानव परीक्षण अगले महीने शुरू होने जा रहा है। इसके लिए दवा नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस स्वदेशी वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के मानव क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान (आईएनवी) के साथ मिलकर इस वैक्सीन कैंडिडेट कोवैक्सीन का विकास किया है। वैक्सीन कैंडिडेट को बनाने के लिए एनआईवी, पुणे में आइसोलेट कोरोना वायरस स्ट्रेन को भारत बायोटेक को ट्रांसफर किया गया था।
भारत बायोटेक के चेयरमैन व एमडी डॉ कृष्णा ईल्ला ने बयान जारी कर कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के पहले स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। इसे तैयार करने में आईसीएमआर और एनआईवी का सहयोग उल्लेखनीय रहा। सीडीएससीओ का सकारात्मक नजरिया इसके परीक्षण की मंजूरी दिलाने में सहायक रहा। कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने के लिए पूरी दुनिया में कोशिशें चल रही हैं। अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली है। हालांकि, कुछ कंपनियों वैक्सीन के मानव परीक्षण के चरण में पहुंच गई हैं।