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    Home»Breaking News»फर्जी तरीके से जमीन हस्तांतरण की जांच कराये सरकार : बंधु तिर्की
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    फर्जी तरीके से जमीन हस्तांतरण की जांच कराये सरकार : बंधु तिर्की

    azad sipahiBy azad sipahiJune 9, 2020No Comments2 Mins Read
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    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। मांडर विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर रांची और आसपास के अंचलों में आदिवासी जमीन उनके पारंपरिक, धार्मिक स्थलों, भुइहरि जमीन की गैरकानूनी तरीके से हस्तांतरण, निर्माण एवं अतिक्रमण की जांच के संबंध में अवगत कराया है। तिर्की ने कहा है कि राज्य बनने के बाद रांची सहित राज्य के अन्य जिला मुख्यालयों में बड़े पैमाने पर रैयती आदिवासी जमीन सहित इनके पारंपरिक धार्मिक स्थलों के साथ-साथ सरकारी गैरमजरूआ जमीन की जमाबंदी बंदोबस्ती कर कब्जा और अतिक्रमण के मामले आ रहे हैं।

    विशेषकर राजधानी रांची और इससे सटे अंचलों से ऐसे कई मामले सामने आये हैं। नदी, नाले, तालाबों की जमीन पर अतिक्रमण से लेकर इनकी अवैध खरीद बिक्री और बंदोबस्ती तक के मामले सामने आ रहे हैं। फर्जी डीड तैयार कर सरकारी गैरमजरूआ की अवैध जमाबंदी डीड और वॉल्यूम से छेड़छाड़ कर फरजी डीड के सहारे दाखिल खारिज करवा कर दस्तावेज आॅनलाइन करवा कर एसएआर कोर्ट के फर्जी आदेश तैयार कर जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, जिसमें बिल्डर भू-माफिया और राजस्वकर्मियों की अहम भूमिका है। इसके परिणाम स्वरूप शहर और इसके आसपास के सीधे -सरल और गरीब लोगों की जमीन छीनी जा रही है। रांची के अलग-अलग मौजों में जमीन की फर्जी डीड तैयार करने वाले जालसाजों की बात भी सामने आती है, अधिकतर मामलों में आदिवासी जमीन के खतियान के आधार पर फर्जी डीड तैयार कर उसे मूल वॉल्यूम में इंट्री भी कर दी जाती है। एक षड्यंत्र के तहत बड़े पैमाने पर 1932 के आदिवासी खतियान की जमीन को सामान्य में बदलने का खेल हुआ है।

    वर्तमान समय में 1945-46 के पहले की तिथि से फर्जी डीड तैयार करने का धंधा जोरों पर है। इस जालसाजी में फर्जी डीड पर 1945-46 अर्थात जमीदारी प्रथा समाप्त होने के पहले की तिथि अंकित की जाती है। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाये।

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