चीन के सामानों का बहिष्कार वैसे तो काफी समय से भारत में होता आया है. लेकिन इस समय भारत और चीन की सीमाओं पर हालिया तनाव के कारण ये जोरों पर है. लोग चीनी सामानों को घर से निकाल-निकाल कर बाहर कर रहे हैं. इस समय चीन के सामानों के बहिष्कार के साथ-साथ मेड इन इंडिया सामानों को खरीदने का नारा भी जोरों पर है.
इसी बहिष्कार के बीच फ्लिपकार्ट ने कल से अपनी बिग सेविंग डे सेल की शुरूआत की है. जिसमें सबसे ज्यादा डिस्काउंट फोन्स पर दिया जा रहा है. ऐसे में लोग जमकर फोन खरीद रहे हैं. इसका कारण ये है कि ज्यादातर लोगों को इस बारे में पता है चीनी मोबाइल कंपनियां कौन-सी हैं और भारत की कंपनियां कौन-सी है. ऐसे में आज हम आपको भारतीय मोबाइल कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं.
माइक्रोमैक्स इंफॉर्मेटिक्स भारत की सबसे बड़ी फोन निर्माता कंपनी है. फोन्स के साथ-साथ कंपनी एलईडी टीवी और टैबलेट भी बनाती है. इस कंपनी की सबसे अच्छी बात ये है कि इसके फोन्स आपके बजट में भी होगें और भरोसेमंद भी. माइक्रोमैक्स जल्द ही कई नए स्मार्टफोन्स भी लॉन्च कर सकती हैं, इस बात का इशारा खुद कंपनी ने एक ट्वीट के जरिए दिया है.
लावा इंटरनेशनल ये भी भारतीय कंपनी है. कंपनी ने साल 2009 में अपनी शुरूआत की थी. यह एकमात्र कंपनी भी है जिसका भारत में पूरा डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग है. इस कंपनी का सारा काम लगभग भारत में ही होता है. ऐसे में अगर आप इस कंपनी के फोन को खरीदते हैं, तो आपका पैसा पूरी तरीके से अर्थव्यवस्था तेजी लाने में मदद करेगा. आप XOLO के भी फोन खरीद सकते हैं. ये लावा इंटरनेशनल की सहायक कंपनी है
Karbonn Mobiles मोबाइल फोन एक्सेसरीज से स्मार्टफोन, टैबलेट और एक्सेसरीज बनाता है. ये कंपनी बेंगलुरु से दिल्ली स्थित जैन ग्रुप और यूटीएल ग्रुप के बीच एक Joint Venture है. कंपनी का कारोबार सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और मध्य पूर्व और यूरोप जैसे देशों में भी फैला हुआ है. कार्बन के पसंदीदा मॉडल में टाइटेनियम एस 9 प्लस, कार्बन वी 1, के 9 स्मार्ट प्लस शामिल हैं.
अब बात अगर चीनी कंपनियों की जाये तो देश की टॉप 5 में से 4 कंपनियां तो चीन की ही हैं. Xiaomi ने भारतीय बाजार के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा रखा है. इसी तरह से OnePlus, Vivo, और Oppo भी चीन की ही कंपनियां है. इन चारों ही कंपनियों ने भारत फोन्स के मार्केट पर अपना कब्जा जमा रखा है.