झारखंड मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू और छावनी परिषद के सीईओ सपन कुमार के बीच चल रही लड़ाई में अब रामगढ़ शहर की जनता त्राहिमाम कर रही है।
बुधवार को जेएमएम नेता के रवैया के खिलाफ छावनी परिषद के सभी कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर चले गए। सभी कर्मचारियों ने कैंटोनमेंट सीईओ सपन कुमार पर हुए प्राथमिकी को गलत करार दिया और कहा कि राजनीतिक दबाव में पुलिस यह काम कर रही है। छावनी परिषद के वरीय अधिकारी वर्तमान परिवेश में सुरक्षित नहीं है, तो कर्मचारी कैसे अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगे।
कर्मचारियों ने बुधवार की सुबह से ही शहर में पानी सप्लाई बंद कर दी है। इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने अपना काम ठप कर दिया है। शहर की गलियों में हर जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है।
हड़ताल पर गए कर्मचारियों की वजह से शहर में लोगों को परेशानी होने लगी है। हर गली मोहल्ले में इस भीषण गर्मी में पानी उपलब्ध नहीं है। शहर के कई वार्ड तो ऐसे हैं, जहां सैकड़ों लोग सिर्फ सप्लाई के पानी पर ही निर्भर हैं। ऐसी स्थिति में पानी का बंद होना लोगों के लिए बेहद कष्टकारी हो गया है।
छावनी परिषद के सीईओ सपन कुमार ने इस हड़ताल का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार की शाम जब सभी कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था, उसी वक्त उन्होंने इसका विरोध किया था।
उन्होंने कहा था कि किसी राजनीतिक दल के एक व्यक्ति विशेष की गलती की वजह से वे रामगढ़ शहर की जनता को कष्ट दें यह सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बुधवार की सुबह भी उन्होंने कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने का निवेदन किया था, लेकिन वे नहीं माने। हालांकि वे लगातार इस हड़ताल को खत्म कराने का प्रयास कर रहे हैं।
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