आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। पीएम केयर से देश के मजदूरों को 1000 करोड़ देने की घोषणा की गयी। वहीं, 2000 करोड़ वेंटिलेटर खरीदने के लिए दिये गये। पर यह राशि किन मजदूरों के खाते में गयी, इसका कोई हिसाब नहीं मिला। वहीं केंद्र से झारखंड को एक वेंटिलेटर तक नहीं मिला। शुक्रवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में यह बातें झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से राज्य सरकार को आठ करोड़ 67 लाख मिले। इससे राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता को दो रुपये चालीस पैसे प्रति व्यक्ति मिलेंगे। दो रुपये चालीस पैसे में तो पचास ग्राम मूंगफली भी नहीं मिलती। ऐसे में केंद्र के ऐसे केयर की क्या जरूरत है। यह झारखंडवासियों के साथ भद्दा मजाक है। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में कोरोना के 1600 पार के आंकड़े हमें विचलित नहीं करते। क्योंकि राज्य की जो स्वास्थ्य व्यवस्था है उसमें जो भी झारखंडी भाई-बहन संक्रमित हुए हैं उनका उपचार करने में हम सक्षम है। उनको स्वस्थ कर घर तक लौटाने में भी हम सक्षम हैं। यह भी देखा गया है कि कोरोना से पूरे देश में स्वस्थ होने की रेट भी झारखंड में सर्वाधिक है।

उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह से राज्य में अनलॉक पीरियड शुरू हुआ है। इस दौरान अन्य दुकानें और व्यवसाय तो खुले पर कपड़े, जूता-चप्पल और सैलून को बंद रखने का निर्णय लिया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इनसे कांटैक्ट की संभावना थी। पर इन्हें लंबे समय तक बंद रखना उचित नहीं, ऐसे में पार्टी अगले हफ्ते से इन्हें सुरक्षा उपायों के साथ ऐहतियात बरतते हुए खोलने देने का आग्रह करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी कई लोग बिना मास्क लगाये घूम रहे हैं। ऐसे में हम मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि जिस प्रकार बिना हेलमेट के गाड़ी चलानेवालों से फाइन वसूला जाता है उसी तरह बिना मास्क के घूमनेवालों पर आर्थिक दंड लगाया जाये।

झारखंड पहला राज्य जिसने मजदूरों के नियोजन के लिए एमओयू किया
सुप्रियो ने कहा कि झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य बना है जिसने मजदूरों के नियोजन के लिए एमओयू किया है। इस एमओयू के बाद से उनका पेमेंट और वेजेस प्रोटेक्टेड है। अब हमारे राज्य से कोई भी मजदूर दुर्दशा के लिए अन्य राज्यों में नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी-पिछड़ा और दलित आरक्षण पर आरएसएस लगातार हमला कर रहा है। हर बार आरएसएस की ओर से आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश हो रही है। यह प्रयास एक रास्ता तय कर रहा है।

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