देश में COVID-19 की दूसरी लहर की संक्रमण दर मे कमी आना ही हुई शुरू हुयी थी कि डेल्टा प्लस वैरियंट के केस सामने आने लगे हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरियंट के 21 मामले सामने आए हैं। इनमें से नौ जलगांव से, सात मुंबई से और एक-एक सिंधुदुर्ग, ठाणे और पालगढ़ जिलों के हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने जीनोम सिक्वेंसिंग करने का फैसला किया है और हर जिले से 100 नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। CSIR और IGIB सैंपलिंग के नेतृत्व में सैंपलिंग हो रही है। 15 मई से अब तक 7,500 नमूने लिए गए हैं जिनमें डेल्टा प्लस के करीब 21 मामले पाए गए हैं।

इसके साथ ही केरल के दो जिलों- पलक्कड़ और पथनमथिट्टा से इक्कठे किए गए नमूनों मे डेल्टा-प्लस स्वरूप के लगभग तीन मामले पाए गए हैं। पथनमथिट्टा के डीएम डॉ. नरसिम्हुगरी टी एल रेड्डी ने कहा कि जिले के काडापरा पंचायत का एक चार वर्षीय बच्चा वायरस के नए डेल्टा-प्लस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया। बच्चे के नमूनों के CSIR-IGIB में किए गए जीनोम सिक्वेंसिंग से इस वैरियंट का पता चला। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने इसके प्रसार को रोकने के लिए दो जिलों के प्रभावित क्षेत्रों में कड़े कदम उठाए हैं।

इसके अलावा पिछले हफ्ते, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया था कि नए खोजे गए डेल्टा प्लस वेरिएंट को अभी तक चिंताजनक वेरिएंट के तौर पर नहीं देखा गया है।देश में डेल्टा+ वैरिएंट का पहला मामला भोपाल की एक 65 वर्षीय महिला को लेकर दर्ज किया गया था। महिला होम आइसोलेशन में ही covid से ठीक हो गई थी और उन्हें टीके की दो खुराक भी लगाई गई थी। 23 मई को सैंपल लेने के बाद 16 जून को नेशनल सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की रिपोर्ट में कहा गया था कि वह डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित थी।

 

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